हरियाणा पंजाब के किसान धान की रोपाई करने से पहले अपनाएं ये महत्वपूर्ण टिप्स, दावे के साथ होगा अधिक उत्पादन

हरियाणा पंजाब के किसान धान की रोपाई करने से पहले अपनाएं ये महत्वपूर्ण टिप्स, दावे के साथ होगा अधिक उत्पादन
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हरियाणा पंजाब के किसान धान की रोपाई करने से पहले अपनाएं ये महत्वपूर्ण टिप्स, दावे के साथ होगा अधिक उत्पादन

खेत खजाना: मानसून की दस्तक के साथ ही हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित कई राज्यों में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है. इसके साथ ही किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. लेकिन जिन किसानों ने अभी तक धान की रोपाई शुरू नहीं की है, उनके लिए मैं एक शानदार टिप्स लेकर आया हूं. अगर नीचे बता गए टिप्स और तरीकों को अपना कर किसान भाई धान की बुवाई करते हैं, तो कम लागत में बंपर पैदावार मिलेगी.

धान की रोपाई करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण तैयारी आपको बंपर पैदावार दिलाने में मदद कर सकती है। यहां कुछ टिप्स और सुझाव हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:

खेत की जुताई करें: धान की रोपाई से पहले, खेत की जुताई करना महत्वपूर्ण होता है। यह सुनिश्चित करेगा कि खरपतवार अच्छी तरह से निकल जाएं और धान के पौधे अच्छे से उगें।

खरपतवार का निकालें: खेत में से खरपतवार को ध्यान से चुनें और निकाल दें। इसके लिए अच्छी गुणवत्ता वाले खरपतवार का चयन करें। इससे धान के पौधों को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है।

छिड़काव करें: धान की रोपाई के दो दिन पहले खेत में खरपतवार नासी दवा का छिड़काव करें। यह खरपतवार की ग्रोथ को रोकेगा और पौधों को स्वस्थ रखेगा। इससे बंपर पैदावार के लिए मदद मिलेगी।

नर्सरी में छिड़काव करें: धान के पौधों को पीलापन से बचाने के लिए, नर्सरी में यूरिया और जिंक सल्फेट का छिड़काव करें। इससे पौधे स्वस्थ रहेंगे और अच्छी पैदावार होगी।

धान की रोपाई के बाद की देखभाल

धान की रोपाई करने के बाद भी आपको ध्यान देने की आवश्यकता होती है ताकि आपको बेहतर पैदावार मिले। यहां कुछ टिप्स हैं जिन्हें आपको अपनाना चाहिए:

खरपतवार का नियंत्रण करें: धान रोपाई के 22 दिन बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए खेत में बिस्पारिबैक सोडियम का स्प्रे करें। इससे पौधे तेजी से विकसित होंगे और बेहतर पैदावार होगी।

समय पर पानी दें: धान की बुवाई के बाद, पानी की उपयुक्त मात्रा में पौधों को समय पर पानी देना आवश्यक होता है। इसके लिए सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें और सुनिश्चित करें कि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे।

उर्वरक का उपयोग करें: धान के पौधों को उर्वरक देना भी महत्वपूर्ण होता है। आपको समय-समय पर उर्वरक का उपयोग करके पौधों को पोषण देना चाहिए। धान के लिए सामान्यतः यूरिया, पोटाश और डायमोनियम फॉस्फेट उर्वरक उपयोगी होते हैं।

रोगों और कीटाणुओं का नियंत्रण करें: धान के पौधों पर रोगों और कीटाणुओं का प्रभाव हो सकता है, जो पैदावार को प्रभावित कर सकता है। आपको नियमित रूप से पौधों की सेवा करनी चाहिए और आवश्यकता अनुसार कीटाणुनाशक और फंगीसाइड का उपयोग करना चाहिए।

इन टिप्स को अपनाकर, आप धान की रोपाई के पहले और बाद में सही देखभाल कर सकते हैं और बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। धान उत्पादन में सफलता के लिए उपरोक्त तरीकों का पालन करें और सही सलाह के लिए स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें।

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