करनाल के किसान वैज्ञानिक तरीके से करते हैं शिमला मिर्च की खेती, सिर्फ एक फसल से कमा लेते हैं सालाना 10 लाख रुपए

पवन आज दूसरे किसानों के लिए एक आदर्श बन चुके हैं, और उनकी सफलता ने दिखाया है कि वैज्ञानिक खेती न केवल आत्मनिर्भरता में मदद करती है,

करनाल के किसान वैज्ञानिक तरीके से करते हैं शिमला मिर्च की खेती, सिर्फ एक फसल से कमा लेते हैं सालाना 10 लाख रुपए
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करनाल के किसान वैज्ञानिक तरीके से करते हैं शिमला मिर्च की खेती, सिर्फ एक फसल से कमा लेते हैं सालाना 10 लाख रुपए

करनाल के गांव सगोही के रहने वाले प्रग्रतिशील किसान पवन ने अपनी आत्मनिर्भर खेती के क्षेत्र में नए मील के सफलता की कहानी लिखी है। उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी विधियों का सही से इस्तेमाल करने का निर्णय लिया और उसका परिणाम यह है कि वे आज वर्षभर में 10 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं।

शिमला मिर्च की नई दिशा

पवन ने अपने खेतों में शिमला मिर्च की खेती करते हुए एक नई दिशा दी है। उनका तरीका वैज्ञानिक है, जहां वह ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे खेती की लागत कम होती है और प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल होता है।

लाभकारी शिमला मिर्च की खेती

पवन का कहना है कि इस नई तकनीकी खेती में खर्च कम होता है और वे हर साल बड़ी मात्रा में लाभ कमा रहे हैं। शिमला मिर्च की रंग-बिरंगी खेती ने उन्हें दिल्ली और अन्य शहरों में बाजार में स्थापित करने में मदद की है।

सरकारी समर्थन और सब्सिडी

हालांकि, पवन ने बताया कि सरकार ने नेट हाउस लगाने पर सब्सिडी में कमी की है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने नेट हाउस और अन्य वैज्ञानिक तकनीकों का सही से उपयोग करके नुकसान की बजाय मुनाफा ही हासिल किया है।

आगे की दिशा

पवन आज दूसरे किसानों के लिए एक आदर्श बन चुके हैं, और उनकी सफलता ने दिखाया है कि वैज्ञानिक खेती न केवल आत्मनिर्भरता में मदद करती है, बल्कि यह पर्यावरण के साथ सही रूप से मिलकर चलने वाले एक सशक्त मॉडल को भी प्रोत्साहित करती है।

नेट हाउस की उपयोगिता और सुझाव

पवन ने किसानों से नेट हाउस और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने का सुझाव दिया है, जिससे किसानों को भी उच्च लाभ हो सकता है। इससे छोटे स्तर पर खेती करने वाले किसानों को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

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