उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के किसानों की हुई मौज, किसानों के लिए सरकार ले के आई यह बड़ी योजना, सेम ग्रस्त भूमि में बनेगा यह प्रोजेक्ट

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के किसानों की हुई मौज, किसानों के लिए सरकार ले के आई यह बड़ी योजना, सेम ग्रस्त भूमि में बनेगा यह प्रोजेक्ट
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उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के किसानों की हुई मौज, किसानों के लिए सरकार ले के आई यह बड़ी योजना, सेम ग्रस्त भूमि में बनेगा यह प्रोजेक्ट

खेत खजाना : भारत में खारे पानी क्षेत्रों में झींगे की प्रमुख मांग है, जिसे सरकार बढ़ावा देने का निर्णय लेने जा रही है। चीन और अमेरिका जैसे देशों को भारतीय झींगे का उत्कृष्टता अच्छी तरह से पता है, और ऐसा उत्पादन विदेशों में निर्यात के लिए बड़े सौदों का कारण बन रहा है।

झींगे का उत्पादन खारे पानी में ऐसी जगहों पर होता है जहाँ अन्य खेती के लिए ज़मीन नहीं है, इससे लोगों को नए रोजगार का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है। सरकार द्वारा शुरू की जा रही योजनाएं न केवल रोजगार सृष्टि करेंगी बल्कि खारे पानी में अज्ञात ज़मीन का भी उपयोग होगा।

मत्स्यपालन विभाग द्वारा की जा रही बैठकों में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के सचिवों के साथ सहयोग बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। इन बैठकों में खारे पानी में झींगा पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों, आईसीएआर, और अन्य एजेंसियों के सहयोग संबंधी प्रयासों पर चर्चा की जा रही है।

झींगा पालन के लिए आईसीएआर-सीआईएफई रोहतक केंद्र और राज्य मत्स्य पालन विभागों के सहयोग से मत्स्य पालकों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

भारत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान जैसे राज्यों में खारे पानी में झींगा पालन की संभावनाएं हैं। इन स्थानों पर अधिक से अधिक जमीन का उपयोग और नए रोजगार के अवसरों को देखते हुए सरकार उचित कदम उठा रही है।

भारत में हो रहा है सबसे अधिक झींगे का उत्पादन और सरकार का लक्ष्य है इसे और बढ़ाना। लगभग 65% उत्पादन को विदेशों में निर्यात किया जा रहा है, जिससे देश के किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।

इस नए पहलू के साथ, भारतीय किसानों को नए रोजगार का अवसर मिलेगा और खारे पानी क्षेत्रों में झींगा पालन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के प्रयासों से न केवल रोजगार सृष्टि होगी, बल्कि खेती नहीं हो सकने वाली ज़मीनों का भी उपयोग होगा। इससे खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी और देश को विदेशों में भी मजबूती मिलेगी।

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