धुंध के मौसम में नदीन नाशक दवाओं का छिड़काव न करें किसान

धुंध के मौसम में नदीन नाशक दवाओं का छिड़काव न करें किसान
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खेत खजाना : दिनों-दिन पड़ रही धुंध कारण नदीन नाशक दवाओं का असर कम हो जाता है। इस लिए किसानों से अपील की जाती है कि अगर जरूरी न हो तो धुंध के मौसम में नदीनों को खत्म करने वाली दवाई का छिड़काव न करें। वहीं सरसों, आलू और सब्जियों आदि को कोहरे के प्रकोप से बचाने के लिए हल्का पानी देते रहें और आलू व सब्जियों की फसल पर प्लास्टिक का पन्ना लगाकर भी कोहरे के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

यह बात जिला कृषि अधिकारी गुरमीत सिंह चीमा ने आज राष्ट्रीय छवि से बातचीत करते हुए कही। बातचीत के दौरान श्री चीमा ने बताया कि पिछले दिनों से पड़ रही धुंध गेहूं की फसल के लिए बेहद ही फायदेमंद है। इससे गेहूं की अच्छी पैदावार होगी। उन्होंने कहा कि इस मौसम में गेहूं के पौधे में अधिक अंकुर निकलते हैं। लेकिन इसके साथ ही नदीनों की भी भरमार हो जाती है।

जिसके बचाव के लिए किसान नदीन नाशक दवाओं का छिड़काव करते हैं। उन्होने कहा कि धुंध और नमी के मौसम में नदीन नाशक दवाओं का पूरा असर नहीं होता। जिससे किसानों को नुक्सान होता है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अगर जरूरी न हो तो धूप खिलने के बाद ही नदीनों को खत्म करने वाली दवाई का छिड़काव करें। ताकि इसका पूरा फायदा मिल सके। मौसम के अनुसार गेहूं में पीलेपन की समस्या के बारे में उन्होंने बताया कि मौसम में सुधार होने पर यह समस्या स्वतः ही सही हो जाएगी।

सरसों, आलू और सब्जियों की फसल पर कोहरे के असर के बारे में डा. चीमा ने बताया कि आलू औरसब्जियों की फसल को यथा संभव प्लास्टिक का पन्ना आदि लगाकर बचाया जा सकता है। इसके अलावा इन फसलों में हल्की सिंचाई करते हुए सांय के समय खेत के आसपास धुंआं करने से भी कोहरे के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को उनकी फसलों की उचित देखभाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसके बाद भी अगर किसी किसान को फसल संबंधी कोई समस्या आती है तो वे कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने सभी किसानों को विभाग द्वारा प्रमाणित दवाओं का ही छिड़काव करने का सुझाव दिया है ताकि किसी भीप्रकार के नुक्सान से बचा जा सके।

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