गुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसान चंडीगढ़ तक निकलेंगे पैदल मार्च, कपास फसल नुकसान की भरपाई के लिए कर रहे है मांग

फ़सल बीमा क्लेम के लिए सफलता मिल गई, लेकिन अब किसानों की मांग है कि उनकी फ़सल के नुकसान का मुआवजा भी उन्हें मिलना चाहिए।

गुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसान चंडीगढ़ तक निकलेंगे पैदल मार्च, कपास फसल नुकसान की भरपाई के लिए कर रहे है मांग
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गुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसान चंडीगढ़ तक निकलेंगे पैदल मार्च, कपास फसल नुकसान की भरपाई के लिए कर रहे है मांग


किसानों के लिए उनकी फ़सल की सुरक्षा और मुआवजे की मांग एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। चंडीगढ़ में किसान अब फ़सल मुआवजे की मांग के लिए पक्का मोर्चा लगाने के लिए पैदल जा रहे हैं। इसके पीछे का कारण है फ़सल बीमा और मुआवजा के मामले में बीमा कंपनियों के साथ हो रहे विवाद।

PM FASAL BIMA की महत्वपूर्ण भूमिका

PM FASAL BIMA योजना ने किसानों को उनकी फ़सल की सुरक्षा देने का मकसद रखा है। इसके तहत, किसान अपनी फ़सल को बीमित करवा सकते हैं जिससे वे नुकसान की स्थिति में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। फ़सल बीमा की मांग को लेकर किसानों ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया था और उन्होंने अपनी मांग पर सफलता प्राप्त की थी।

फ़सल मुआवजे की मांग

हालांकि फ़सल बीमा क्लेम के लिए सफलता मिल गई, लेकिन अब किसानों की मांग है कि उनकी फ़सल के नुकसान का मुआवजा भी उन्हें मिलना चाहिए। सुंडी से हुई फ़सल की हानि के बाद, किसानों ने फ़सल मुआवजे की मांग को लेकर पुनः प्रदर्शन करने का निश्चय किया है।

बीमा कंपनियों के साथ विवाद

किसानों का दावा है कि बीमा कंपनियां उनके फ़सल के मुआवजे को देने में अनैच्छुक थीं और किसानों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके परिणामस्वरूप, प्रशासन को सहायता करनी पड़ी और फ़सल बीमा कंपनियों को 2021 और 22 की फ़सल के मुआवजे देने की कार्रवाई की।

किसानों का मोर्चा

किसान चंडीगढ़ तक पैदल मार्च निकालेंगे और उनकी मांग है कि उनके फ़सल के नुकसान का मुआवजा दिया जाए। वे इस आंदोलन के माध्यम से सरकार से अपनी मांग पर दबाव डालने का इरादा रखते हैं। तब तक, चंडीगढ़ में किसानों का मोर्चा जारी रहेगा।

नुकसान की भरपाई की मांग

किसानों की दशा सुधारने के लिए उन्हें गुलाबी सुंडी के कारण हुए नुकसान की भरपाई का फ़सल मुआवजा दिया जाना चाहिए। वे इस मुआवजे को बढ़ाने के लिए अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इस तरह, चंडीगढ़ के किसान अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए मोर्चा लगाए हुए हैं और उनकी मांग है कि उनकी फ़सल की सुरक्षा और मुआवजे की गारंटी मिलनी चाहिए।

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