पराली खरीद में कमी की वजह से किसान परेशान, चोरी छुपे खेतों में आग लगाने पर मजबूर
पराली खरीद में कमी की वजह से किसान परेशान, चोरी छुपे खेतों में आग लगाने पर मजबूर
खेत खजाना: प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए हरियाणा और आस-पास के प्रदेशों में पराली की जलाई जाती है, लेकिन इस बार पराली की डिमांड में कमी के कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल पराली की बिक्री में कमी होने के कारण, किसानों को परेशान होना सामान्य हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकारी योजनाओं के बावजूद, किसानों को चोरी छुपे पराली जलाने की मजबूरी महसूस हो रही है।
हरियाणा में पराली खरीद में कमी के कारण, इस साल पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम दामों में पराली बिक रही है। किसानों और खरीदारों को इसका असर महसूस हो रहा है। वहाँ कुछ व्यापारी और शहरी निवासियों का कहना है कि पशुपालन में कमी के कारण पराली की डिमांड में भी कमी आ गई है। इसकी वजह से किसानों को अपनी पराली बेचने में मुश्किल हो रही है। पिछले साल प्रति एकड़ पराली की बिक्री ₹6000 तक हो रही थी, लेकिन इस साल इसकी कीमत ₹3000 तक गिर गई है।
किसानों के अनुसार, अगर पराली की डिमांड नहीं बढ़ी, तो वे अपनी पराली खेत में ही जलाने को मजबूर हो सकते हैं, जिससे प्रदूषण और भी बढ़ सकता है। इस बार खरीदारी की कमी के कारण, खेत में छुपे पराली को जलाने का खतरा और भी बढ़ गया है। पिछले साल की तुलना में, इस साल पराली की बिक्री में 50% से भी अधिक कमी आई है।
सरकारी प्रोत्साहन के बावजूद, अभी तक पराली की सरकारी खरीद नहीं होने की वजह से किसान इसे खेत में ही जलाने की सोच रहे हैं। इसकी वजह से प्रदूषण और भी बढ़ सकता है। यह समस्या समुचित उपायों के माध्यम से हल करना होगा ताकि प्रदूषण और किसानों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सके।