किसानों को 7000 रुपये पैकेट मिलेगा KR-64, देसी कपास के बीज को लेकर कृषि अधिकारी ने किसानों को दी बड़ी सलाह

किसानों को 7000 रुपये पैकेट मिलेगा KR-64, देसी कपास के बीज को लेकर कृषि अधिकारी ने किसानों को दी बड़ी सलाह
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किसानों को 7000 रुपये पैकेट मिलेगा KR-64, देसी कपास के बीज को लेकर कृषि अधिकारी ने किसानों को दी बड़ी सलाह

खेत खजाना, चंडीगढ़ : कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बहुत ही बुरी व चिंताजनक खबर है । क्योंकि किसानों को इस बार भी देसी कपास का बीज शक्तिवर्धक KR-64 किसानों को नहीं मिलेने वाला है । शक्ति वर्धक कंपनी का सबसे प्रसिद्ध बीज जिसे KR 64 के नाम से भी जाना जाता है । , गोल्ड, मोहनी जैसी कपास के बीजों की विभिन्न किस्में मार्केट में जो पिछले वर्ष बाजार में आई थीं और जिन्होंने काफी चर्चा बटोरी थी । किसानों को इस वर्ष बाजार में नहीं मिलेगा । कंपनी ने इस बार अपने सभी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे किसानों में निराशा की लहर है। पिछले वर्ष इन बीजों की कालाबाजारी भी हुई थी, जिसमें किसानों को प्रति पैकेट तीन से चार हजार रुपए तक चुकाने पड़े थे।

बीजों की कमी के चलते किसानों को पिछले साल भी अधिक पैसे चुकाने पड़े थे और इस बार भी किसानों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है । पिछले साल के रिकार्ड के अनुसार किसानों 6 से 7 हजार रुपये प्रति पैकेट के देने पड़ सकते है । लेकिन आपको बता दे की इस बार KR-64 का बीज मार्केट में नहीं आएगा। अगर आपको कहीं पर भी मिलता है तो वह निकली ही होगा ।

इस वर्ष कंपनी ने एक नोटिस जारी कर किसानों से अनुरोध किया है कि वे शक्ति वर्धक कंपनी के नाम से बिकने वाले किसी भी नकली उत्पाद से सावधान रहें। इसका कारण यह है कि कंपनी के बीजों के सैंपल जो जांच के लिए भेजे गए थे, वे सभी जर्मिनेशन टेस्ट में फेल हो गए हैं। इसलिए कंपनी ने इस वर्ष अपने किसी भी उत्पाद को बाजार में नहीं उतारा है। कृषि अधिकारी डॉक्टर रामप्रताप सायल ने भी पुष्टि की है कि शक्ति वर्धक कंपनी का कोई भी उत्पाद इस वर्ष बाजार में उपलब्ध नहीं होगा।

किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें शक्ति वर्धक कंपनी के नाम पर बीज बेचने की कोशिश करता है, तो वह संभवतः धोखाधड़ी कर रहा होगा। कंपनी ने खुद ही इस वर्ष अपने उत्पादों की बिक्री नहीं की है, इसलिए किसानों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की जरूरत है। यह खबर किसानों के लिए एक सतर्क रहने का संदेश है, ताकि वे अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे फर्जी उत्पादों पर व्यर्थ न गवाएं।

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