49 लाख Solar Pump पर किसानो को मिलेगी सब्सिडी, फटाफट सबसे पहले कर लें आवेदन
सरकार द्वारा योजना के तहत किसानों को भारी अनुदान पर सोलर सिंचाई पंप प्रदान किए जाते हैं,
हाल ही में वर्ष 2023 की समीक्षा के बाद, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री-कुसुम योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह योजना कृषि से जुड़े क्षेत्रों में सिंचाई की लागत को कम करने और प्रदूषण मुक्त सिंचाई व्यवस्था प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य रखती है।
पीएम-कुसुम योजना: नए दौर का आरंभ
यह योजना किसानों को सोलर सिंचाई पंप प्रदान करके उनकी आय को बढ़ाने और खेतों में पेट्रोल और डीजल की आवश्यकता को कम करने का प्रयास है। सरकार द्वारा योजना के तहत किसानों को भारी अनुदान पर सोलर सिंचाई पंप प्रदान किए जाते हैं, जिससे किसान फसल उत्पादन की लागत को कम करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं
49 लाख सोलर पंपों की स्थापना: योजना के तहत देशभर में कुल 49 लाख सोलर पंपों की स्थापना किसानों के खेतों में की जाएगी, जो कृषि सिंचाई के लिए एक नए दौर का प्रतीक है।
2023 में कई संशोधन: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2023 की समीक्षा के बाद कई संशोधन किए हैं, जिससे योजना को और भी प्रभावी बनाया गया है।
सोलर पंप की स्थापना के लिए राशि
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के तहत, किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर अनुदान प्रदान करते हैं।
बढ़ी गई स्थापना की संख्या
सोलर पंपों की संख्या में संशोधन करते हुए, अब 49 लाख पंपों की स्थापना की जाएगी, जिससे और भी अधिक किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।
समीक्षा में बताया गया है कि योजना के तहत सरकार ने कई कदम उठाए हैं जो किसानों को सोलर पंप स्थापित करने में सहायक होंगे।
योजना से मिलने वाली सब्सिडी
किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा राशि में सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों से मिलकर सब्सिडी दी जाएगी।
सोलर पंपों पर सरकार की तरफ से 30 प्रतिशत और राज्य सरकार की तरफ से भी 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों को सस्ती में सोलर पंप स्थापित करने का लाभ होगा।
योजना के तहत बैंकों द्वारा 30 प्रतिशत तक का ऋण भी प्रदान किया जाएगा, जिससे किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए केवल 10 प्रतिशत तक की राशि ही वहन करनी होगी।