मक्का, बाजरा एवं ज्वार की फसल समर्थन मूल्य MSP पर बेचने के लिए किसान को करना होगा ऑनलाइन आवेदन

इस साल, उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को निम्नलिखित रूप में निर्धारित किया है:

मक्का, बाजरा एवं ज्वार की फसल समर्थन मूल्य MSP पर बेचने के लिए किसान को करना होगा ऑनलाइन आवेदन
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उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने किसानों के लिए एक नई सुखद समाचार लेकर आई है। मक्का, बाजरा, और ज्वार जैसे मोटे अनाजों की फसलों की खरीदी के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदारी की घोषणा की है। इसके लिए किसानों को अपना पंजीयन करवाना होगा, ताकि वे उनकी उपज को उचित मूल्य में बेच सकें।

सरकार ने खरीफ और रबी फसलों के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ज्वार, बाजरा, और मक्का फसलों की खरीदी को समर्थन मूल्य पर करने का फैसला किया है, खासकर मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए।

खरीद प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रही है और यह 31 दिसंबर 2023 तक चलेगी। किसानों से उनकी उपज को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खरीदा जाएगा। किसानों को इस खरीद प्रक्रिया के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

इस साल, उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को निम्नलिखित रूप में निर्धारित किया है:

· मक्का: 2090 रुपये प्रति क्विंटल

· बाजरा: 2500 रुपये प्रति क्विंटल

· ज्वार (हाइब्रिड): 3180 रुपये प्रति क्विंटल

· ज्वार (मालदंडी): 3225 रुपये प्रति क्विंटल

खेती के आधार पर भिन्न-भिन्न जनपदों में अलग-अलग मोटे अनाजों की खरीदी होगी। मक्का की खरीदी के लिए जनपदों में बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, फिरोजाबाद, उन्नाव, कानपुर नगर, और ललितपुर शामिल हैं। बाजरा की खरीदी के लिए जनपदों में बरेली, बदायूं, रामपुर, और सीतापुर शामिल हैं। ज्वार की खरीदी के लिए जनपदों में बांदा, हमीरपुर, प्रयागराज, और जौनपुर शामिल हैं।

खरीद प्रक्रिया में शामिल होने के लिए किसानों को वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल एप UP KISAN MITRA पर पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया OTP आधारित है और किसान को उनके बैंक खाते का भी विवरण प्रदान करना होगा।

इस नए कदम से किसानों को उनकी मेहनत के मान का मिलेगा और वे अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सरकार की इस पहल का स्वागत है, जो किसानों के जीवन को सुखद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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