Farming Innovations: किसान भाई ध्यान दे! ऐसे पता करे अपने खेत की मिट्टी की हेल्थ

Farming Innovations: किसान भाई ध्यान दे! ऐसे पता करे अपने खेत की मिट्टी की हेल्थ
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भारत एक ऐसा देश है, जहां हर क्षेत्र में कुछ न कुछ उगाया जाता है। यहां की लगभग 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या अभी भी अपने जीवन को खेती-किसानी पर निर्भर करती है। हालांकि, बदलते समय के साथ खेती में चुनौतियां भी बढ़ी हैं। मिट्टी की गुणवत्ता में लगातार कमी होना इसमें सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है।

मिट्टी की क्वालिटी जानने के लिए सॉइल टेस्टिंग ज़रूरी

मिट्टी की गुणवत्ता को जांचने के लिए सॉइल टेस्टिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह टेस्ट हमें बताता है कि हमारी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी है या नहीं। इसी संदर्भ में, आईआईटी बॉम्बे के डॉ. राजुल पाटकर ने मिट्टी की स्वास्थ्य को मापने के लिए एक नया उपकरण विकसित किया है, जिसका नाम न्यूट्रीसेंस है। यह मशीन 6 मापदंडों पर मिट्टी की परीक्षा करती है और कुछ ही मिनटों में मिट्टी की स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है।

कुछ ही मिनट में मिट्टी की हेल्थ बता देगा ये डिवाइस

खेत की मिट्टी को योजनाएं करने के लिए उर्वरक की जरूरत होती है। किसान मिट्टी का परीक्षण करके यह जानते हैं कि उसमें किस उर्वरक की जरूरत है। लेकिन इस प्रक्रिया में लगभग 15 दिन लग जाते हैं। डॉ. राजुल पाटकर द्वारा बनाए गए न्यूट्रीसेंस का इस्तेमाल करके, किसान बहुत ही कम समय में मिट्टी की जाँच कर सकते हैं और उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मिट्टी जांच की ये है प्रकिया

इस उपकरण के माध्यम से मिट्टी की जाँच के लिए पहले एक ग्राम मिट्टी का नमूना तैयार किया जाता है। फिर एक छोटी शीशी में 3 मिली एजेंट घोल डाला जाता है और इसे मिट्टी के साथ मिलाया जाता है। इसके बाद, मिट्टी को सख्त होने के लिए लगभग आधे घंटे तक छोड़ दिया जाता है।

इसके बाद, डिवाइस के सेंसर पर घोल की एक बूंद डाली जाती है। यह डिवाइस सभी छह मापदंडों के लिए मिट्टी की जांच करने में सक्षम है। इसकी सहायता से लगभग पांच मिनट में ही मिट्टी का परिणाम आ जाता है और मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड तैयार हो जाता है। इसे तुरंत मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा सकता है।

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