Farming Technique: छोटे किसानों की बल्ले बल्ले, खेती की इस तकनीक से कम खर्च में बन सकते है लखपति, ऐसे करें खेती

Farming Technique: छोटे किसानों की बल्ले बल्ले, खेती की इस तकनीक से कम खर्च में बन सकते है लखपति, ऐसे करें खेती
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Integrated Farming: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, किसानों को खेती के नए तरीकों की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो उन्हें खर्च कम करने और आमदनी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। एकीकृत कृषि प्रणाली, जिसे एकीकृत फार्मिंग सिस्टम (Integrated farming system) कहा जाता है, उसी दिशा में एक शक्तिशाली मॉडल प्रस्तुत करती है जो किसानों को अपनी ज़िम्मेदारीयों के साथ सुगमता और आत्मनिर्भरता में मदद कर सकता है।

क्या है एकीकृत खेती (What is integrated farming?)

एकीकृत फार्मिंग सिस्टम का उद्देश्य है किसानों को एक ही स्थान पर विभिन्न फसलें, पशुपालन (animal husbandry), मछलीपालन, और मुर्गीपालन (poultry farming) का समर्थन करके समृद्धि दिखाना। यह उन्हें अपनी खेती को एक सुरक्षित, स्थायी, और आर्थिक रूप से सहीता में बदलने का एक सुझाव प्रदान करता है।

एकीकृत खेती के फायदे:

आमदनी में वृद्धि: एकीकृत खेती के तहत, किसान एक ही स्थान पर अनेक गतिविधियां संचालित करके अधिक आमदनी कमा सकता है।

लागत में कमी: इस तकनीक से, खेती के साथ-साथ अन्य गतिविधियां करने से किसान कम लागत में ज्यादा पैदावार कर सकता है।

सुरक्षित भविष्य: एकीकृत फार्मिंग से उत्पन्न सामग्री की विविधता, किसान को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है और उसे अनियमितता के खिलाफ सुरक्षित बनाए रखती है।

खेतों का बेहतर उपयोग: एकीकृत खेती से, किसान अपनी ज़मीन को बेहतर तरीके से उपयोग कर सकता है, जिससे उसका उत्पादन बढ़ता है।

पर्यावरण के साथ मेल-जोल: इस सिस्टम से, खेती के साथ पशुपालन और मछलीपालन करके पर्यावरण सहमत उत्पादन होता है, जो स्थायीता और संतुलन को बनाए रखता है।

कृषि विशेषज्ञों से सहारा लेना:

एकीकृत खेती शुरू करने से पहले, किसानों को कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना चाहिए। उन्हें खेती, पशुपालन, और मछलीपालन के लिए सही उपकरण, बीज, और पशुओं का चयन करने में मदद करने के लिए सलाह लेनी चाहिए। इससे किसानों को सही मार्गदर्शन मिलेगा और वे एक सफल एकीकृत फार्मिंग प्रणाली को अपना सकते हैं।

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