कृषि समाचारसरकारी योजना

Fish Farming : अनुदान पर शुरू किया मछली पालन, अब सालाना हो रहा है लाखों रुपये का मुनाफा

Learn how Chhattisgarh's Jayaram Kashyap transformed his financial status through fish farming with government subsidies. Discover the techniques and benefits of fish farming, leading to an annual profit of ₹5.5 lakhs.

Fish Farming : अनुदान पर शुरू किया मछली पालन, अब सालाना हो रहा है लाखों रुपये का मुनाफा

Dantewada, Chhattisgarh – 12 January 2025: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। छत्तीसगढ़ सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है, जिससे इस वर्ग के लोग मछली पालन को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बना रहे हैं।

जयराम कश्यप की कहानी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील किसान जयराम कश्यप ने मछली पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए अन्य कृषकों के लिए प्रेरक बन गए हैं। पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मछली पालन शुरू किया। उन्होंने मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में अपनी सवा एकड़ भूमि पर तालाब का निर्माण कराया और 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर भी स्थापित किया।

साढ़े पांच लाख रुपये का सालाना मुनाफा

किसान जयराम कश्यप सघन मछली पालन तकनीक अपनाते हुए रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन कर रहे हैं। उनके पौंड-लाइनर में सारंगी (फंगाल) जैसी मछलियों के बीजों को तैयार किया जाता है। तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की बेहतर देखभाल की जाती है। इससे किसान कश्यप को सालाना साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है, जो कि उनकी कृषि आय से कई गुना अधिक है।

मुख्य जानकारीविवरण
किसान का नामजयराम कश्यप
स्थानग्राम मैलावाड़ा, दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़
मछली की नस्लेंरोहू, कतला, मृगल, कॉमन कॉर्प
सालाना मुनाफासाढ़े पांच लाख रुपये
अनुदान60% (अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाएं)

मछली पालन का भविष्य

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने के लिए मछुआरों को तालाब निर्माण, उपकरण, परिपूरक आहार और मत्स्य बीजों के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। किसान जयराम कश्यप ने बताया कि वे अपने तालाब के पास कुक्कुट शेड बनाकर आय के स्रोतों को और बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button