Fish-Rice Farming : किसान धान की खेती में करें मछली पालन, एक ही फसल में किसान बनेंगे लखपति, जाने खेती करने का तरीका

Fish-Rice Farming : किसान धान की खेती में करें मछली पालन, एक ही फसल में किसान बनेंगे लखपति, जाने खेती करने का तरीका
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Fish-Rice Farming : किसान धान की खेती में करें मछली पालन, एक ही फसल में किसान बनेंगे लखपति, जाने खेती करने का तरीका

19 अप्रैल 2024, भोपाल: भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नई पद्धति निकलकर सामने आई है । इस पद्धति के माध्यम से किसान अपनी धान की खेती के साथ साथ मछली पालन भी कर सकते है । जी हाँ किसान भाइयों आप एक ही सीजन में डबल खेती मुनाफा ले सकते है । जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आएगा और डबल मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा ।

भारत में जहां धान की खेती 36.95 मिलियन हेक्टेयर में की जाती है और वहां अब धान की खेती के अंदर मछली पालन की पद्धति ने किसानों को उनकी पारंपरिक खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आय बढ़ाने का स्रोत दिया है। इस पद्धति में धान के खेतों में जमा पानी का उपयोग मछली पालन के लिए किया जाता है जिससे एक ही भूमि पर दोहरी फसल का फायदा उठाया जा सकता है ।

धान की खेती में होने वाली मछली की प्रमुख नस्लें

मछली पालन के लिए भारत में मीठे पानी की कुछ विशेष नस्लें प्रचलित हैं, जैसे कतला, रोहू, म्रगल, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, और ग्रासकार्प। इन नस्लों का चयन करते समय उनकी वृद्धि दर, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और बाजार में मांग को ध्यान में रखा जाता है।

मछलियों के लिए भोजन सामग्री

मछलियों के लिए भोजन के दो प्रकार होते हैं: प्राकृतिक और कृत्रिम। प्राकृतिक भोजन में सूक्ष्म पादप और जन्तु शामिल होते हैं, जबकि कृत्रिम भोजन में चावल की भूसी, अनाज के टुकड़े, सोयाबीन, खमीर, और बादाम की खली जैसे तत्व शामिल होते हैं।

फ़िश-राइस फ़ार्मिंग की प्रक्रिया

धान संग मछली पालन में, धान के खेतों में जमा पानी में मछलियों को पाला जाता है। मछलियों के वेस्ट पदार्थ धान की फसल के लिए जैविक खाद का काम करते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है।

फ़िश-राइस फ़ार्मिंग के लाभ

इस पद्धति से न केवल फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि जल और ज़मीन का किफायती उपयोग भी होता है। धान की फसल काटने के बाद खेत में फिर से पानी भरकर मछली पालन किया जा सकता है।

फ़िश-राइस फ़ार्मिंग के दौरान सावधानियां

धान के साथ मछली पालन करते समय, खेत में पानी रोकने की क्षमता, पानी की उचित व्यवस्था, मछलियों की चोरी और पक्षियों से सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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