कृषि समाचार

Garlic लहसुन में खरपतवार को नष्ट करने के लिए पहली सिंचाई के 3-4 दिन बाद करें दवा का छिड़काव

Garlic लहसुन का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए किसान अपनाएं महत्वपूर्ण सावधानियां

लहसुन Garlic किसानों के लिए प्रमुख एवं महत्वपूर्ण फसल है। इसकी खेती उत्तरी राज्यों जिनमें हरियाणा के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, यूपी आदि में बड़े पैमाने पर की जाती है। इसका मुख्य उपयोग लगभग हर रसोई में मसाले के रूप में किया जाता है। लहसुन में पौष्टिक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसलिए दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

मात्रा की मांग को पूरा करने लिए किसानों के लिए लहसुन की रोगमुक्त खेती करते हुए कम खर्च में उत्पादन बढ़ाना जरूरी हो जाता है। डॉ. आलोक कुमार सिंह, सहायक निदेशक एवं केंद्र प्रमुख, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, सलारू, करनाल ने बताया कि अगर लहसुन उत्पादन के दौरान की जाने वाली शंस्य क्रियाओं जैसे खरपतवार नियन्त्रण, निराई-गुडाई, कीट एवं बीमारियों के स्प्रे इत्यादि के बारे में सही से अवगत कराया जाए तो किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं और अपनी आमदनी में भी बढ़ोतरी भी कर सकते हैं। बता दें कि 15 अक्टूबर से 15 नंवबर तक लहसुन की रोपाई होती है

सर्दी में 10-15 दिन के अंतराल पर करते रहें सिंचाई

1. खरपतवार नाशक गोल नामक • दवा 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या स्टाम्प 3.5 लि. प्रति हेक्टेयर की दर से पहला पानी लगाने के 3-4 दिन बाद खेत में स्प्रे करें।

2 बुवाई के 30, 45 व 60 दिन बाद • 1% 19:19:19 पॉलीफीड (10 ग्राम प्रति ली. पानी) एवं 75, 90 व 105 दिन बाद (2%) मल्टी-के नामक फोलियर फर्टीलाइजर का उपयोग करें।

3 लहसुन की जड़ें अपेक्षाकृत कम गहरी होती है। इसलिए सिंचाई • समय-समय पर आवश्यकतानुसार करते रहें। सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर एवं गर्मियों में 6-7 दिनों में सिंचाई करते रहना चाहिए।

4 हानिकारक ‘थ्रिप्स’ नामक कीट • का प्रकोप होने ने पर फिप्रोनील 1 मिली + 0.5 मिली स्टीकर (चिपकने वाला द्रव्य) प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़कें।

5.  लहसुन की खुदाई से 10 दिन पूर्व सिचाई बंदा कर दें। पौधे का ऊपरी भाग पीला या भूरा होकर सुखने लगे और पौधा गिरने लगे तो समझें फसल पककर तैयार हो गई है।

6. फसल की खुदाई से 15 दिन पूर्व 0.1% बाविस्टिन का स्प्रे करें इससे भंडारण में होने वाले रोगों द्वारा नुकसान कम होता है।

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