घीया, तोरई की खेती की हैं तो अपनाएं मचान विधि, फसलों की लंबाई और चमक रहेगी बरकरार, होगा साधारण खेती से दोगुना फायदा

इस खेती के तरीके में किसान अपनी जमीन के एक हिस्से को या मेढ़ों के किनारे का उपयोग करके मचान बनाते हैं, जिसमें वे फलों और सब्जियों की खेती करते हैं।

घीया, तोरई की खेती की हैं तो अपनाएं मचान विधि, फसलों की लंबाई और चमक रहेगी बरकरार, होगा साधारण खेती से दोगुना फायदा
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घीया, तोरई की खेती की हैं तो अपनाएं मचान विधि, फसलों की लंबाई और चमक रहेगी बरकरार, होगा साधारण खेती से दोगुना फायदा

भारतीय किसानों के लिए मचान विधि खेती एक नई और साहसी खेती की योजना है जो जमीन पर खेती की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है। इस खेती के तरीके में किसान अपनी जमीन के एक हिस्से को या मेढ़ों के किनारे का उपयोग करके मचान बनाते हैं, जिसमें वे फलों और सब्जियों की खेती करते हैं।





खेती में जमीन और मचान की अंतर

जमीन पर खेती में फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में कई बार कमी होती है, क्योंकि ये धूप, पानी और जमीन से संपर्क में आने के कारण खराब हो सकते हैं।

मचान विधि खेती में फल लटकने के कारण उनका आकार बड़ा होता है और उनकी गुणवत्ता भी बेहतर रहती है।

मचान विधि खेती के लाभ

कम पानी की आवश्यकता: मचान विधि खेती में पानी की आवश्यकता कम होती है, क्योंकि फलों और सब्जियों को ऊँचाई पर उगाया जाता है, जिससे पानी की बचत होती है।

बेहतर गुणवत्ता: मचान पर उगाई फलों और सब्जियों की गुणवत्ता जमीन पर उगाई हुई की तुलना में बेहतर होती है, क्योंकि ये धूप, पानी और जमीन से संपर्क में आने से बचती है।

सालाना उत्पादन: मचान विधि खेती से किसान अधिक सालाना उत्पादन कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें फलों और सब्जियों की बेहतर गुणवत्ता के साथ मार्केट में पेश कर सकते हैं।

मचान विधि खेती की विधि

मचान बनाना: किसान को अपनी खेती के एक हिस्से पर मचान बनाना होता है, जिसमें वे फलों और सब्जियों की खेती करेंगे।

जाल लगाना: मचान पर जाल लगाने से बेलें फैलने की आसानी होती है और उनकी गुणवत्ता भी बेहतर रहती है।

सब्जियों की खेती: मचान पर उगाई जाने वाली सब्जियाँ जमीन पर उगाई जाने वाली सब्जियों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती हैं।

लाभ जमीन पर खेती मचान विधि खेती

पानी की आवश्यकता अधिक कम

गुणवत्ता कम बेहतर

उत्पादन कम अधिक

निष्कर्षण

मचान विधि खेती भारतीय किसानों के लिए एक साहसी और अद्वितीय खेती का तरीका है, जिससे उन्हें कम पानी की आवश्यकता में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करने का अवसर मिलता है

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