Goat Farming: बकरी पालन योजना शुरू करिए बकरी पालन का बिजनेस, सरकार भी करेगी मदद,

Goat Farming: बकरी पालन योजना शुरू करिए बकरी पालन का बिजनेस, सरकार भी करेगी मदद,
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बकरी पालन एक सुगम और लाभदायक पेशा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ-साथ पशु जन्य प्रोटीन की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करता है। बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई "समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना" के अंतर्गत, बकरी पालन फार्म खोलने के लिए 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न केवल बकरी पालन को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है बल्कि उन्नत नस्ल की बकरी एवं बकरा की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करती है।

योजना की विशेषताएँ:

  • सब्सिडी और प्रशिक्षण: इस योजना के तहत, बकरी फार्म खोलने वाले व्यक्तियों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
  • आवश्यक जगह की आवश्यकता: बकरी फार्म खोलने के लिए आवश्यक जगह की जानकारी के अनुसार, विभिन्न क्षमताओं वाले फार्मों के लिए अलग-अलग आकार की जगह की आवश्यकता होगी।
  • आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और योजना के अनुसार अपने आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं।

बकरी फार्म स्थापना की आवश्यकताएँ:

  • फार्म आकार: 20 बकरी + 1 बकरा क्षमता, 40 बकरी + 2 बकरा क्षमता, और 100 बकरी + 5 बकरा क्षमता फार्म के लिए अलग-अलग आकार की जगह की आवश्यकता होगी।
  • भूमि की आवश्यकता: फार्म स्थापना के लिए उचित भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें हरा चारा उगाने का भी पर्याप्त स्थान हो।
  • आवश्यक दस्तावेज: आवेदकों को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता होगी।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:

आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार १९ सितंबर २०२३ तक आवेदन कर सकते हैं। उन्हें पशुपालन निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। वहाँ उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने का विकल्प मिलेगा।

योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आवेदक अपने प्रखंड या जिले के पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

"समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना" बकरी पालन फार्म खोलने के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान कर रही है। इसके माध्यम से उम्मीदवार बकरी पालन में अपने करियर को मजबूती से शुरू कर सकते हैं और सरकारी सब्सिडी का भी लाभ उठा सकते हैं। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेगा और पशु जन्य प्रोटीन की आपूर्ति में सुधार होगा।

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