MP पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका, 1 लाख की मुर्रा भैंस खरीदने पर 50 हजार रूपये देगी सरकार, चारा खरीदने के लिए भी प्रति माह मिलेंगे 900 रूपये

इस योजना के अंतर्गत, भैंस पालन करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। सरकार द्वारा प्रति माह 900 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी,

MP पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका, 1 लाख की मुर्रा भैंस खरीदने पर 50 हजार रूपये देगी सरकार, चारा खरीदने के लिए भी प्रति माह मिलेंगे 900 रूपये
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MP पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका, 1 लाख की मुर्रा भैंस खरीदने पर 50 हजार रूपये देगी सरकार, चारा खरीदने के लिए भी प्रति माह मिलेंगे 900 रूपये


मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को आय वृद्धि के लिए एक नई योजना का आयोजन किया है, जिसमें गाय और भैंस पालन करने वाले किसानों को बड़ी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत, भैंस पालन करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी प्राप्त होगी, जिससे उनकी आय में इजाफा होगा। इस लेख में, हम आपको इस योजना के विवरण, पात्रता, और लाभ के बारे में बताएंगे।

भैंस पालन योजना का उद्देश्य

मध्य प्रदेश सरकार की भैंस पालन योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता वाली गायों और भैंसों की खरीद करने के लिए सब्सिडी प्रदान करना है। इसके तहत, भैंस पालक किसानों को ब्रीड मल्टीप्लीकेशन फार्म के निर्माण की आवश्यकता होगी, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाली भैंसों का पालन कर सकें।

सब्सिडी किन नस्लों को मिलेगी

इस योजना के अंतर्गत, गाय और भैंस पालन करने वाले किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी, और यह सब्सिडी निम्नलिखित नस्लों के लिए उपलब्ध होगी:

गिर

साहीवाल

विदेशी संकर नस्ल

जर्सी

एच,एफ

मुर्रा

जाफरवादी

सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेज

यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

किसान का आधार कार्ड

किसान का प्रार्थना-पत्र

किसान का शपथ-पत्र

किसान का पैन कार्ड

पासपोर्ट साईज फोटो

बैंक खाता विवरण

योजना के लाभ

इस योजना के अंतर्गत, भैंस पालन करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। सरकार द्वारा प्रति माह 900 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जिससे किसान अपने पशुओं के लिए चारा खरीद सकेंगे। इसके साथ ही, शेड के निर्माण और उपकरण की खरीद पर भी सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

इस योजना के तहत, भैंस खरीदने पर भैंस को पांच साल तक रखना अनिवार्य होगा। इससे भैंस पालक किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें अच्छे गुणवत्ता वाली पशुओं के साथ उपयुक्त सामग्री भी मिलेगी।

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