खेती के लिए सिंचाई सुविधा बढ़ाने में जुटी सरकार, यहां बनेंगे 1000 भू-जल रिचार्ज-वेल

हरियाणा की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभरता हुआ भू-जल रिचार्जिंग का निर्णय ने राज्य को जल संकट से निपटने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है।

खेती के लिए सिंचाई सुविधा बढ़ाने में जुटी सरकार, यहां बनेंगे 1000 भू-जल रिचार्ज-वेल
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हरियाणा की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभरता हुआ भू-जल रिचार्जिंग का निर्णय ने राज्य को जल संकट से निपटने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सूबे में 1000 नए रिचार्ज-वेल बनाए जाएंगे, जो वर्षों से चल रहे 1000 रिचार्ज-वेलों को और भी मजबूत करेगें।

भू-जल रिचार्जिंग का प्रभाव

इस कदम के तहत, इन रिचार्ज-वेलों के बनने से हर वर्ष लगभग 8000 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर सिंचाई संभव हो सकेगी। इससे हरियाणा के किसानों को बड़ा फायदा होगा और कृषि क्षेत्र में सुधार होगा। हरियाणा में कुल 95 लाख एकड़ जमीन कृषि योग्य है, लेकिन इसमें से 45 लाख एकड़ में ही नहरी पानी से सिंचाई की सुविधा है। शेष जमीन पर बरसात के पानी से या ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई होती है।

जल संकट का सामना करने का संघर्ष

हरियाणा में कई ब्लॉकों में पानी का गंभीर संकट है, और सरकार इसे हल करने के लिए उच्चतम प्रयासरत है। सीएम मनोहरलाल ने बताया कि प्रदेश में 200 ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जिनसे 700 क्यूसेक पानी उपलब्ध हो रहा है। यह पानी बागवानी, सिंचाई, पावर प्लांट्स, और उद्योगों में उपयोग हो रहा है। गांवों में बरसात और भू-जल स्तर की स्थिति का मॉनिटरिंग करने के लिए वाटर फ्लो मीटर, मैनुअल वर्षा माप यंत्र, और पीजोमीटर का उपयोग किया जा रहा है ताकि सभी को स्थिति का सटीक पता रहे।

सीएम ने बताया कि राज्य में पानी की मांग लगभग 35 लाख करोड़ लीटर की है, जबकि उपलब्ध पानी की उम्मीदवारी लगभग 21 लाख करोड़ लीटर है। इस तथ्य के आधार पर, लगभग 14 लाख करोड़ लीटर पानी की कमी है जो गंभीर चिंता का कारण है। भू-जल के अलावा पानी की उपलब्धता बरसात और पहाड़ों से आने वाले पानी से होती है, और इसलिए पानी को रीसाइकल और रियूज करना समझदारी है।

हरियाणा सरकार ने तालाबों के माध्यम से जल संचय और जीर्णोद्धार की महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। 2002 से हर जिले में 75 तालाबों का जीर्णोद्धार कर अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, और यह योजना सफल रही है। राज्य सरकार व स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयासों की वजह से हरियाणा में 2078 अमृत सरोवर बनाए गए हैं, और अगले महीने में और 200 नए सरोवरों का निर्माण होगा।

तालाबों को साफ करने और सौंदर्यीकरण के लिए हरियाणा सरकार ने प्रति तालाब के लिए पहले से 50,000 रुपये का बजट निर्धारित किया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। तालाबों में पानी को साफ करके उसे सिंचाई और पशुओं के पीने के लिए उपयोग किया जा रहा है।

एसवाईएल से हरियाणा को पानी मिलने के लिए हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, और सरकार इस विवाद का हल निकालने के लिए प्रयासरत है। दक्षिण हरियाणा में लगभग 300 टेलों तक पानी पहुंचाया गया है, लेकिन एसवाईएल से पानी न मिलने की वजह से सूबे में हर साल 42 लाख टन खाद्यान्नों की हानि हो रही है।

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