किसानों को कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए सरकार दे रही है 75 प्रतिशत तक का अनुदान, अंतिम तिथि है नजदीक

राजस्थान, भारत का एक प्रमुख कृषि राज्य है, जहां कृषि उत्पादन के साथ-साथ कृषि प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने का कठिनाई से प्रयास किया जा रहा है।

किसानों को कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए सरकार दे रही है 75 प्रतिशत तक का अनुदान, अंतिम तिथि है नजदीक
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खेत खजाना : राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई योजना से किसानों को उद्योग लगाने के लिए बड़ा मौका मिल रहा है। इस योजना के तहत सरकार 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे कृषि क्षेत्र में उद्योग बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

राजस्थान, भारत का एक प्रमुख कृषि राज्य है, जहां कृषि उत्पादन के साथ-साथ कृषि प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने का कठिनाई से प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए, सरकार ने एक विशेष योजना शुरू की है जिसके तहत किसानों को उद्योग लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

कृषि क्षेत्र में उद्योग क्यों महत्वपूर्ण है?

कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने के फायदे कई हैं:

आमदनी की वृद्धि: कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने से किसानों की आमदनी में वृद्धि होती है, जो उनके जीवनस्तर को सुधारती है।

रोजगार की सृजना: कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों का सृजन होता है, जिससे रोजगार की समस्या को सुलझाया जा सकता है।

उत्पादों का मूल्य बढ़ाव: कृषि प्रसंस्करण से फसलों का मूल्य बढ़ जाता है क्योंकि उन्हें बेहतर रूप में तैयार किया जाता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान: कृषि प्रसंस्करण उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करता है और विदेशों के लिए भी उत्पादों की आपूर्ति करता है।

सरकार बैंक ऋण के ब्याज पर भी दे रही है अनुदान (Subsidy)

राज्य सरकार योजना के तहत लाभार्थी व्यक्ति को प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने पर किसानों को पूंजीगत अनुदान के अतिरिक्त ऋण पर ब्याज अनुदान भी दे रही है। जिसमें किसानों को 6 प्रतिशत की दर से अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य को 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।

उद्योग लगाने के बाद भी सरकार दे रही है सहयोग

राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के बाद सहूलियत के लिए व्यापार के संचालन तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में राज्य के उत्पादन की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान भी किया गया है। प्रोत्साहन के तौर पर राज्य सरकार द्वारा विद्युत प्रभार पर 5 साल तक 2 लाख रुपये प्रति वर्ष देने का प्रावधान किया गया है।

इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है तथा सामग्री के पेटेंट तथा डिजाइन के पंजीकरण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 2 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है। साथ ही गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रत्येक प्रमाणन पर 2 लाख रुपये का प्रमाणन अनुदान भी देय हैं।

राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति संस्थान दिये जाने का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है। इसके अलावा परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये का प्रावधान तथा शोध एवं विकास के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।

निर्यात पर भी दी जा रही है सहायता

किसानों को ताजा फल, सब्जी तथा फूलों के निर्यात पर 3 वर्ष तक अधिकतम 10 लाख रूपये का भाड़ा अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही अजैविक रूप से प्रमाणित उत्पादों के निर्यात पर 5 वर्ष तक अधिकतम 20 लाख रुपए का भाड़ा अनुदान देय है।

अब तक राज्य में हुई 1103 प्रसंस्करण इकाई

राज्य सरकार द्वारा नीति के तहत अब तक 1 हजार 103 इकाइयों के लिए 399 करोड़ 87 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इन इकाइयों के माध्यम से राज्य में 2 हजार 589 करोड़ 21 लाख रुपए का निवेश हुआ है। कुल इकाइयों में से 280 इकाइयों के लिए महिलाओं वर्ग को 103 करोड़ 28 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार 260 इकाइयां कृषक वर्ग द्वारा स्थापित की गई हैं, जिसमें 85 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। नीति के तहत ब्याज, परिवहन, विद्युत और सौर ऊर्जा संयंत्र पर 87 प्रसंस्करण इकाइयों को 4 करोड़ 26 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है।

इन स्वीकृत प्रकरणों में 341 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 330 वेयरहाउस, 9 कोल्ड स्टोरेज और 2 पैक हाउस सम्मिलित हैं। साथ ही 762 प्रोसेसिंग यूनिट इकाई स्थापित की गई हैं, जिसमें तिलहन प्रसंस्करण की 169 इकाइयां, दाल की 76, मसाला की 70, कपास की 66, मूंगफली की 60, अनाज की 52, ग्रेडिंग सोर्टिंग कि 33, फल सब्जी की 32, पशु आहार की 30, दुग्ध प्रसंस्करण की 69, ग्वार की 15, प्याज–लहसुन की 7, चावल की 11 एवं अन्य विविध इकाइयों की 72 प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई हैं।

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा–किसान और उद्यमी योजना के तहत प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए राज किसान साथी पोर्टल https://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए अपने ब्लॉक या ज़िले के उद्यान विभाग कार्यालय में संपर्क करें।

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