औषधीय पौधों की खेती के जर‍िए क‍िसानों की आय बढ़ाएगी सरकार

औषधीय पौधों की खेती के जर‍िए क‍िसानों की आय बढ़ाएगी सरकार
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खेत खजाना : देवारण्य योजना के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार किसानों को औषधि पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के तहत 40 जिलों में जिला और ब्लॉक स्तरीय समितियाँ गठित की गई हैं जो किसानों को वन्यजन्य औषधियों की खेती में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से है। यह योजना विशेष रूप से जनजाति क्षेत्र के किसानों की कृषि आय में वृद्धि करने का लक्ष्य रखती है।

मध्यप्रदेश के क्षेत्रफल का लगभग 37 प्रतिशत वन से आवृत होता है, जिसमें यहाँ का 12.27 प्रतिशत क्षेत्र भारत के कुल वन क्षेत्र का हिस्सा है। इसके बावजूद भी प्रदेश में दुर्लभ औषधि पौधों की बड़ी मात्रा में पाई जाती है। देवारण्य योजना के माध्यम से प्रदेश में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध औषधीय पौधों के संरक्षण और वैज्ञानिक तरीके से उनके दोहन और संग्रहण की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा रहा है।

इस योजना में सरकार विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों की पैदावार में वृद्धि हो सके। योजना ने विभिन्न जलवायु वाले क्षेत्रों में औषधि पौधों की खेती करने वाले किसानों को संगठित कर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की है। इसके साथ ही योजना में आयुष, जनजातीय कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण और किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।

इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में 51 प्रकार के औषधीय पौधों की खेती को मदद के रूप में मनरेगा का उपयोग किया जा रहा है। राज्य औषधीय पादप बोर्ड की स्थापना की गई है जो इस प्रकार की खेती को समर्थन प्रदान कर रही है। विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों के किसानों ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने खेतों में 7000 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधि पौधे लगाए हैं। इसके साथ ही औषधि पौधों के भंडारण और विपणन के लिए आयुष औषधि उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ भी सहयोग किया जा रहा है।

देवारण्य योजना ने मध्यप्रदेश के किसानों को औषधि पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें नए आय के साधन प्रदान करने का माध्यम उपलब्ध कराया है। यह योजना वन्यजन्य औषधियों की संरक्षण और खेती की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के साथ-साथ प्रदेश के किसानों को विकास की नई दिशा में अग्रसर करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

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