किसानों के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करेगी सरकार, इतने रुपये देगी सरकार, किसान का कम होगा खर्च

बिहार सरकार अब बागवानी फसलों के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है बजाय पारंपरिक फसलों का। इसलिए, लीची और आम जैसी कई फसलों पर जोर दिया जा रहा है।

किसानों के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करेगी सरकार, इतने रुपये देगी सरकार, किसान का कम होगा खर्च
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बिहार सरकार अब बागवानी फसलों के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है बजाय पारंपरिक फसलों का। इसलिए, लीची और आम जैसी कई फसलों पर जोर दिया जा रहा है। बिहार के किसानों के लिए यह एक अच्छी खबर है कि सरकार आम के पेड़ों को कीटों से बचाने के लिए अपने कीटनाशकों का इस्तेमाल करेगी। बिहार उद्यान निदेशालय ने किसानों के लिए लीची, आम, और अमरूद के पौधों को कीटों से बचाने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक योजना शुरू की है। सरकार 8 करोड़ 54 लाख रुपये का खर्च करेगी इसके लिए।

इसके साथ ही, मंजर और पके आम को पेड़ से गिरने से बचाने के लिए विशेष उपाय भी किए जाएंगे। फल के पेड़ पर कीट लगने के बाद, यह उपाय लीया जाएगा। फ्रूट ड्रॉप मैनेजमेंट से कीटनाशक का छिड़काव होगा।

आम, लीची, और अमरूद को सुरक्षित रखने के लिए उपाय अब उठाए जा रहे हैं। इन फलों को मधुआ और दहिया कीट से बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा।

सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है। आम के पेड़ों पर दो बार कीटनाशक छिड़काव की जाएगी। पहले बार कीटनाशक छिड़काव पर प्रति पेड़ 76 रुपये का खर्च होगा, जिसमें सरकार 57 रुपये देगी। दूसरी बार छिड़काव पर आने वाले खर्च 96 रुपये में 72 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। लीची के पेड़ को सुरक्षित करने के लिए, पहले छिड़काव पर 162 और दूसरे पर 114 रुपये सरकार अनुदान देगी। अमरूद के वृक्षों पर भी कीटनाशक छिड़काव का खर्च सरकार उठाएगी।

लीची में मंजर अवस्था में छिड़काव का खर्च 316 रुपये है, जिसमें किसानों को 162 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। जब लीची लौंग के आकार की होगी, तो उसके लिए दूसरा छिड़काव होगा, जिसमें 152 रुपये का खर्च होगा, जिसमें 114 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। अमरूद के पेड़ पर भी कीटनाशक का छिड़काव होगा।

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