भूजल स्तर को बचाने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, खेती के लिए माइक्रो इरिगेशन अनिवार्य
जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, उनमें अब माइक्रो इरीगेशन सिंचाई सिस्टम को व्यवस्थित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
हरियाणा सरकार ने भू-जल स्तर की गंभीरता को देखते हुए, गांवों को नए दृष्टिकोण से देखने का निर्णय लिया है। जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, उनमें अब माइक्रो इरीगेशन सिंचाई सिस्टम को व्यवस्थित करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहल, हरियाणा के कृषि क्षेत्र में जल संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भू-जल स्तर की निगरानी और संरक्षण के लिए प्रेरणा
हरियाणा में भू-जल स्तर का लगातार नीचे जाना, विशेषकर कृषि में पानी की भरपूर खपत को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। खेती में सबसे अधिक पानी की खपत होती है और इसलिए किसानों के माध्यम से ही पानी की बचत करने की कोशिश की जा रही है। प्राधिकरण ने कहा है कि किसानों को भूमिगत पाइप लाइन या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को लगाना अनिवार्य होगा। इससे न केवल जल संरक्षण होगा, बल्कि कृषि में भी वृद्धि होगी।
माइक्रो इरीगेशन: गांवों के लिए जीवन की रक्षा
हरियाणा के कुल 7287 गांवों में से 3041 गांवों में पानी की भयंकर किल्लत है। इस परिस्थिति को देखते हुए, सरकार माइक्रो इरीगेशन को बढ़ावा दे रही है ताकि कम पानी में भी खेती हो सके। इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए, किसानों को भूमिगत पाइप लाइन या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को लगाना होगा। यह निर्णय गांवों के लिए एक नए आर्थिक और सामाजिक चेतना की ऊंचाइयों की ओर पहुँचने की संभावना बना रहा है।
पीएम-कुसुम योजना: सौर ऊर्जा से किसानों को सिंचाई की सुविधा
इसी समय, हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक और सुविधा प्रदान की है जो प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान, यानी पीएम-कुसुम योजना के तहत है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को सौर ऊर्जा से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है। यह एक साथी योजना है जो किसानों को सुरक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई का अवसर भी प्रदान कर रही है।
आवेदन की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियाँ
पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत 3 एचपी से 10 एचपी सोलर पंप के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इस वर्ष के लाभार्थियों का चयन परिवार की वार्षिक आय और जमीन के आधार पर किया जाएगा। इच्छुक किसान 29 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेज में जमीन की फर्द, आधार कार्ड, फैमिली आईडी और वचन पत्र शामिल हैं।
इसमें यह भी उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि उन किसानों को आवेदन करने का अधिकार है, जिनके परिवार पहचान पत्र पर सोलर वाटर पंप का कनेक्शन नहीं है और जो धान उगाने वाले किसानों में शामिल नहीं हैं।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
पीएम-कुसुम योजना के तहत 75% अनुदान पर सोलर वाटर पंपिंग सिस्टम के लिए ऑनलाइन आवेदन saralharyana.gov.in पोर्टल पर 29 जनवरी 2024 तक किए जा सकेंगे।
आवेदन करने के लिए आपको जरूरत है:
जमीन की फर्द
आधार कार्ड
फैमिली आईडी
आवेदन करने के बाद चयनित लाभार्थी मूल्य निर्धारण के बाद पीएम-कुसुम पोर्टल पर जाकर सरकार द्वारा सूचीबद्ध कंपनी का चयन करके अपना हिस्सा जमा करवा सकते हैं। इसकी सूचना आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त होगी।