हरियाणा सरकार ने बागवानी किसानों के लिए खोली तिजोरी, 25 हजार लाभग्राहियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की दी सब्सिडी

हरियाणा सरकार का वर्ष 2030 तक बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने व उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य

हरियाणा सरकार ने बागवानी किसानों के लिए खोली तिजोरी, 25 हजार लाभग्राहियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की दी सब्सिडी
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खेत खजाना: चंडीगढ़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार ने वर्ष 2030 तक वर्तमान में कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत के बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने तथा उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022-23 में बागवानी की विभिन्न स्कीमों के तहत 25 हजार लाभग्राहियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। मुख्यमंत्री आज सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सब्जी एवं फल उत्पादक प्रगतिशील किसानों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे।

संवाद के दौरान प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सही मायने में हरियाणा सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है। किसानों ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार की नई नई योजनाएं हमारे लिए चलाई हैं, उससे कृषि लागत में कमी आने के साथ-साथ उपज को बाजार तक पहुंच भी सुनिश्चित हुई है। भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना जैसी अनूठी योजनाएं किसानों के लिए लागू करके सरकार ने किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है।

संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने रेवाड़ी जिले के प्रगतिशील किसान अजीत सिंह को बैंगन की खेती में अधिक मुनाफा कमाने पर सम्मानित करने के निर्देश दिए हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री का एक्शन

संवाद के दौरान फिरोजपुर झिरका के प्रगतिशील किसान आरिफ ने भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि योजना के लाभ के लिए 7000 रुपये की रिश्वत ली गई थी। इस शिकायत पर तुरंत सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने नूंह के फिरोजपुर झिरका ब्लॉक के बागवानी विकास अधिकारी श्याम सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए।

इसके अलावा, झज्जर जिले के किसान ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के एचडीओ को बागवानी फसल की भावांतर भरपाई योजना की जानकारी ही नहीं है। इस पर भी मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्‍शन लेते हुए एचडीओ सुकराम पाल को लिखित में एक्सप्लेनेशन के आदेश दिए।

राज्य सरकार बीज से बाजार तक किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती और किसान हरियाणा सरकार की नीतियों के केन्द्र बिन्दु हैं। सरकार किसानों को खेती प्रक्रिया में हर कदम पर सहयोग दे रही है। बुवाई से पहले और बुवाई के बाद भी और फसल कटाई के बाद भी, फसलों के तैयार होने से लेकर बाजार में उसकी बिक्री तक यानी बीज से लेकर बाजार तक किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएं राज्य सरकार उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि किसान जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर आगे बढ़ें और रासायनिक उर्वरक व खतरनाक कीटनाशकों का कम से कम उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की स्थिति में किसानों के हित के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि फलों व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने तथा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की रियायतें व सुविधाएं दे रही है। अनुसूचित जातियों के लोग भी बागवानी व मधुमक्खी पालन की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए भी सरकार उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए विशेष स्कीमें चला रही है। अनुसूचित जाति के किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत 1763 गांवों में 393 बागवानी फसल समूहों को किया गया चिह्नित

मनोहर लाल ने कहा कि बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत 1763 गांवों में 393 बागवानी फसल समूहों की पहचान की गई है। प्रत्येक क्लस्टर में 300 किसान सदस्यों के साथ एक एफ.पी.ओ का गठन किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रत्येक क्लस्टर में आपूर्ति श्रृंखला बागवानी उपज के विपणन और किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने के लिए एक एकीकृत पैक हाउस भी स्थापित किया जा रहा है।

फूड प्रोसेसिंग नीति के अंतर्गत लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत की 44 परियोजनाएं की जा रही स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फूड प्रोसेसिंग नीति बनाई है। इस नीति के तहत कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे उद्योगों की स्थापना से किसानों को उनकी पैदावार के और अधिक लाभकारी मूल्य मिलेंगे। इस नीति के तहत लगभग 94 करोड़ रुपये की राशि से कुल 33 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है और लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत की 44 अन्य परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं, जो इस वर्ष के अंत तक पूरी हो

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