ये लीजिए एक और बड़ी खबर! रूफटॉप सोलर प्लांट पर अब लग सकेंगे 500 किलोवाट की जगह 1000 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल

ये लीजिए एक और बड़ी खबर! रूफटॉप सोलर प्लांट पर अब लग सकेंगे 500 किलोवाट की जगह 1000 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल
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ये लीजिए एक और बड़ी खबर! रूफटॉप सोलर प्लांट पर अब लग सकेंगे 500 किलोवाट की जगह 1000 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल

खेत खजाना : अगर आप अपने घर या ऑफिस की छत पर सोलर प्लांट लगाने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने हाल ही में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के नियमों में बदलाव किया है। इसके अनुसार, अब आप 500 किलोवाट की जगह 1000 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल लगा सकते हैं। इससे आपको नेट मीटरिंग का लाभ मिलेगा, जिससे आप अपनी बिजली की बचत कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।

रूफटॉप सोलर प्लांट क्या है?

रूफटॉप सोलर प्लांट एक प्रकार का सौर ऊर्जा संयंत्र है, जो छत पर लगाया जाता है। इसमें सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी, नेट मीटर, आदि का उपयोग किया जाता है। सोलर पैनल सूर्य की किरणों को बिजली में बदलते हैं। इन्वर्टर डीसी करंट को एसी करंट में बदलता है। बैटरी बिजली को संचित करती है। नेट मीटर बिजली के उत्पादन और उपयोग का हिसाब रखता है।

रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के फायदे क्या हैं?

रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के कई फायदे हैं, जैसे:

इससे आप अपनी बिजली की खपत कम कर सकते हैं और बिजली के बिल में बचत कर सकते हैं।

इससे आप अपनी अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर पैसे कमा सकते हैं। आयोग ने घरेलू श्रेणी में ग्रिड में गई अतिरिक्त बिजली का भुगतान डिस्कॉम प्रति यूनिट की दर से करने का निर्णय लिया है।

इससे आप पर्यावरण को बचाने में भी योगदान कर सकते हैं। सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय और प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोत है। इससे कोयला, तेल, गैस, आदि के उपयोग से होने वाले कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सकता है।

इससे आप अपनी छत का भी अच्छा उपयोग कर सकते हैं। रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने से आपकी छत की जगह बर्बाद नहीं होती है। बल्कि, आप उसे एक ऊर्जा उत्पादन का साधन बना सकते हैं।

रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने का नया नियम क्या है?

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने हाल ही में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के नियमों में बदलाव किया है। इसके अनुसार, अब आप 500 किलोवाट की जगह 1000 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल लगा सकते हैं। इससे आपको नेट मीटरिंग का लाभ मिलेगा, जिससे आप अपनी बिजली की बचत कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।

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