कैसे शुरू करें अमरूद की बागवानी, यहाँ देखे बुवाई से लेकर फलों की तुड़ाई तक का पूरा खर्च, प्रति एकड़ में आएगा कुल इतना खर्चा
पंप हाउस, लेबर शेड, कृषि उपकरणों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का कुल खर्च करीब 11,000 रुपये हो सकता है।
कैसे शुरू करें अमरूद की बागवानी, यहाँ देखे बुवाई से लेकर फलों की तुड़ाई तक का पूरा खर्च, प्रति एकड़ में आएगा कुल इतना खर्चा
आज के समय में किसान फलों की खेती में रुचि ले रहे हैं, अमरूद की खेती का एक-एक रुपये का खर्च और प्रति एकड़ उत्पादन की लागत को जानना महत्वपूर्ण है। इसमें अमरूद एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसलिए अगर आप अमरूद की खेती करने का सोच रहे हैं, तो आपको इसके खर्च और लागत का ठीक से पता होना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं अमरूद की खेती का एक-एक रुपये का खर्च और प्रति एकड़ इतनी आएगी लागत.
रोपण से लेकर पूरे साल का खर्च
रोपण सामग्री की लागत: अमरूद की खेती की शुरुआत में रोपण सामग्री की लागत करीब 2200 रुपये हो सकती है।
खाद एवं उर्वरक: खेती के लिए आवश्यक खाद और उर्वरक की लागत करीब 5000 रुपये हो सकती है।
कीटनाशक एवं कीटनाशक: पेस्टिसाइड्स की लागत तथा कीटनाशक के खरीद पर करीब 2000 रुपये खर्च हो सकता है।
श्रम की लागत: कृषि काम में लगने वाले श्रमिकों की लागत करीब 7700 रुपये हो सकती है।
अन्य खर्च: खेती से जुड़े अन्य खर्चों की अनुमानित लागत 3600 रुपये हो सकती है।
श्रम की लागत: रुपये 7700
अन्य खर्च: 3500 रूपये
कुल खर्च: इस प्रकार, एक एकड़ में अमरूद की खेती का कुल खर्च करीब 20,500 रुपये हो सकता है।
सिंचाई और इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत
ट्यूबवेल/सबमर्सिबल पंप: सिंचाई के लिए पंप की लागत करीब 40,000 रुपये हो सकती है।
ड्रिप/स्प्रिंकलर की लागत: कृषि में ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम की लागत करीब 20,000 रुपये हो सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च: पंप हाउस, लेबर शेड, कृषि उपकरणों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का कुल खर्च करीब 11,000 रुपये हो सकता है।
कृषि उपकरण: रुपये 11,000
कुल खर्च: रुपये 1,25,000
भूमि विकास
मिट्टी समतल करना: रुपये 4000
खुदाई: रुपये -
बाड़ लगाना: रुपये 29500
कुल खर्च: रुपये 1,25,000
उत्पादन
पहले वर्ष: लगभग 20 किलो तक प्रति पौधे
दूसरे वर्ष: 80 क्विंटल प्रति एकड़
तीसरे वर्ष: 1000 किलोग्राम प्रति एकड़
चौथे वर्ष: 1200 किलोग्राम प्रति एकड़ या इससे अधिक
इसके बावजूद, अमरूद की खेती एक चुनौतीपूर्ण कारोबार है, और किसानों को विभिन्न प्रकार के खर्चों का सामना करना पड़ता है। हर किसान को अपनी ज़मीन, जल, और मानव संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन करके अच्छे उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।