किसान भाइयों के लिए जरूरी खबर! गेहूं की ये किस्म से बन जाएंगे लखपति

किसान भाइयों के लिए जरूरी खबर! गेहूं की ये किस्म से बन जाएंगे लखपति
X

Lokwan Wheat: गेहूं रबी सीजन की सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल है। धान की कटाई के बाद, किसान गेहूं की खेती की तैयारी शुरू कर देते हैं। गेहूं की खेती में भी उन्नत किस्मों (Best varieties of wheat) का चयन करके किसान अधिक उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं।

इन किस्मों का चयन करते समय, किसानों को समय और उत्पादन को ध्यान में रखना चाहिए। हम आपको एक ऐसी गेहूं की वैश्विक किस्म, लोकवन के बारे में बताएंगे, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी उत्पादनता अच्छी होती है और बाजार में इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं।

3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक मिलती है कीमत

यह गेहूं एक उत्कृष्ट विक्रेता है जिसकी बाजार में बहुत मांग होती है। इसका बेचने में अच्छा मुनाफा होता है क्योंकि इसकी मांग अधिक रहती है और इसे अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है। इस गेहूं में कुछ विशेषताएं हैं - इसमें सिंचाई की कम आवश्यकता होती है और यह अन्य विशेष गेहूं की तुलना में अधिक उत्पादक होती है। इसकी फसल पकने में लगभग 115-120 दिन लगते हैं। साथ ही, इसका औसत उत्पादन या पैदावार 30-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। बाजार में इस गेहूं की कीमत सामान्यतः 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक रहती है।

लोकवान गेहूं की पहचान और इसकी विशेषताएं

लोकवान गेहूं का बीज दिखाने में चमकीले सुनहरे रंग का होता है.

लोकवान गेहूं की किस्म को बड़ी-बड़ी औधोगिक ईकाइया खरीदना पसंद करती हैं. लोकवन गेहूं से बने बिस्किट काफी स्वादिष्ट और पोष्टिक होते है.

लोकवान गेहूं का उपयोग मैदा, रवा सहित कई अन्य चीजों को बनाने में किया जाता है.

इस किस्म के दाने वजनदार होते हैं. ये गेहूं कई पोष्टिक गुणों से भरपूर रहता है.

सामान्य गेहूं की तुलना में लोकवन किस्म की पैदावार अधिक होती है.

उच्च क्वालिटी के कारण लोकवान गेहूं की मांग पूरे सालभर बनी रहती है. भावों की बात करें तो लोकवन वैराइटी इस साल 2200 से लेकर 2800 के आस-पास भावों में बिक रहा है.

लोकवन गेहूं की खेती कैसें करें ?

उन्नत खेती के लिए, खेत की मिट्टी की जांच जरूरी है। खेत की तैयारी से लेकर बुवाई, सिंचाई, और रोग-कीट नियंत्रण तक सभी जरूरी कदमों को ध्यान में रखना चाहिए। सबसे पहले, मिट्टी की जांच के बाद खाद-उर्वरकों को डालकर 2-3 बार जुताई करानी चाहिए। जुताई के बाद, खेत को 10-15 दिनों तक धूप में खुला छोड़ देना चाहिए।

खेत में हल्की नमी के लिए, बुवाई से दो दिन पहले, खाली खेत में सिंचाई की जा सकती है। अच्छी फसल के लिए, खेत में खुराक के रूप में गाय, भैंस, और अन्य पशुओं की पक्की या सूखी गोबर की खाद दी जा सकती है, जिसे बुवाई से पहले डाला जा सकता है। अच्छी ग्रोथ के लिए, अच्छी जलवायु और मिट्टी भी महत्त्वपूर्ण हैं।

Tags:
Next Story
Share it