सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर, ऐसे करें 'मरग़ोजा' खरपतवार से बचाव

सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर, ऐसे करें मरग़ोजा खरपतवार से बचाव
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Khet Khajana, Sarso Ki Kheti: रबी सीजन में, सरसों (Mustard Cultivation) की खेती अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए है। सरसों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है, और अब किसानों के लिए महत्वपूर्ण है कि उन्हें फसल को परजीवी खतरों से बचाने के लिए सुरक्षित रखना है। हरियाणा सरकार ने इस संदर्भ में किसानों के लिए सलाह जारी की है।

अच्छी पैदावार के लिए अपनाएँ ये उपाय

सरसों की अच्छी पैदावार के लिए, पहली सिंचाई को फूल निकलने के समय और दूसरी सिंचाई को फलियों लगने के समय करना आवश्यक है। पानी की कमी होने पर, फूल निकलने के समय एक सिंचाई करना भी महत्वपूर्ण है। बीजाई के 21 और 35 दिन बाद दो गुड़ाइयां भी की जानी चाहिए।

ऐसे करें परजीवी खतरों से बचाव

सरसों या राय की खेती में मरग़ोजा (ओरोबैकी) एक सामान्य परजीवी है जिसका नियंत्रण करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए, राउंडअप/ग्लाईसेल (ग्लाईफ़ोसेट 41% एस एल) को 25 मिली मात्रा प्रति एकड़ बीजाई के 25-30 दिन और 50 मिली मात्रा प्रति एकड़ बीजाई के 50 दिन बाद 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे किया जा सकता है।

स्प्रे को फ्लैट फैन नोज़ल के साथ किया जाना चाहिए और फसल पर अधिक स्प्रे नहीं करना चाहिए। स्प्रे के समय, भूमि में नमी होनी चाहिए।

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