धान की फसल में इस खरपतवार ने किसानों की बधाई चिंता, रोकथाम के लिए नहीं मिला कोई उपाए, जानें क्या कहते है कृषि विशषज्ञ?

धान की फसल में इस खरपतवार ने किसानों की बधाई चिंता, रोकथाम के लिए नहीं मिला कोई उपाए, जानें क्या कहते है कृषि विशषज्ञ?
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धान की फसल में इस खरपतवार ने किसानों की बधाई चिंता, रोकथाम के लिए नहीं मिला कोई उपाए, जानें क्या कहते है कृषि विशषज्ञ?

खेत खजाना: मोथा (साइप्रस रोटनडस) धान की फसल में एक खतरनाक खरपतवार है जिसका प्रसार तेजी से होता है। इसके टयूबर भूमि के अंदर फैलते हैं और फसलों को हानि पहुँचाते हैं। खासकर ऊपरहार वाली भूमि में यह फसलों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होता है।

मोथा खरपतवार से बचाव: उपायों का उपयोग

विशेषज्ञों ने कई उपायों की सिफारिश की है जो मोथा खरपतवार के प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं:

1. खाली छोड़ देना:

मोथा की गहनता वाले खेतों में वर्षा प्रारंभ होने के बाद खेत को खाली छोड़ देना एक उपयुक्त उपाय हो सकता है। यह मोथे के प्रसार को कम करने में मदद कर सकता है।

2. ग्लाइफोसेट का प्रयोग:

शोध कार्यों के अनुसार, ग्लाइफोसेट रसायन का प्रयोग मोथा खरपतवार को नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध होता है। मध्य अगस्त से मध्य सितम्बर के बीच, ग्लाइफोसेट को पानी में घोल बनाकर मोथे की वृद्धि के समय छिड़काव किया जा सकता है। यह उनके प्रसार को रोकेगा और खरपतवार को कम करेगा।

3. फसल का प्रबंधन:

अगली फसल को खेत में बोने से पहले मोथा के प्रसार को कम करने के लिए उचित प्रबंधन करना आवश्यक है। तिल, तोरिया, आलू गेहूँ आदि की फसलें बोने से मोथा के प्रसार में कमी आ सकती है।

4. समन्वित छिड़काव:

छिड़काव के बाद, मोथे के खरपतवार 10-15 दिनों में सूख जाते हैं। अगर आपको फिर भी समस्या महसूस होती है, तो पुनः छिड़काव कर सकते हैं।


मोथा को जड़ से खत्म करने के लिए सबसे बढ़िया व आसान तरीका है। अगर धान की फसल मे अधिक फैल गया है तो इसे लेबर या खुद के सहयोग से अपने हाथों से उखाड़ दें। जब तक धान की फसल से यह खरपतवार जड़ से खत्म नहीं होगा तब यह फसल की ग्रोथ नहीं होने देगा। इसलिए इसे जितना जल्दी हो सके उखाड़ कर फसल से बाहर निकाल दें।

मोथा खरपतवार धान की फसल के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन उपयुक्त प्रबंधन और उपायों का प्रयोग करके इस समस्या से निपटा जा सकता है। विशेषज्ञों के सुझावों का पालन करके किसान अपनी फसल को मोथे के हमले से बचा सकते हैं।

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