खरीफ 2022: किसानों का धरना, फसल बीमा क्लेम की मुद्दत से नहीं आई राहत

खरीफ 2022 की फसल का बीमा क्लेम न आने के कारण किसानों का रोष बढ़ा हुआ है। खंड ओढ़ां के करीब 40 गांवों के किसानों ने इस मुद्दे पर गहरे विचार किए हैं और धरना दिया है।

खरीफ 2022: किसानों का धरना, फसल बीमा क्लेम की मुद्दत से नहीं आई राहत
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खरीफ 2022 के फसल बीमा क्लेम की मुद्दत से नहीं आई राहत के चलते, खंड ओढ़ां के करीब 40 गांवों के किसान ने गुरुद्वारा साहिब में एकत्रित होकर धरना लगाया। इस आलेख में, हम आपको इस मुद्दे की गहराईयों तक समझाएंगे और यह बताएंगे कि क्यों यह मुद्दा महत्वपूर्ण है।

खरीफ 2022 की फसल बीमा क्लेम: समस्या का आदान-प्रदान

खरीफ 2022 की फसल का बीमा क्लेम न आने के कारण किसानों का रोष बढ़ा हुआ है। खंड ओढ़ां के करीब 40 गांवों के किसानों ने इस मुद्दे पर गहरे विचार किए हैं और धरना दिया है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए, किसानों ने गांव कालांवाली के गुरुद्वारा साहिब में एक बैठक आयोजित की, जिसमें कई महत्वपूर्ण नेताओं ने भी भाग लिया।

खरीफ 2022 में हुआ नुकसान

खरीफ 2022 में बर्बाद हुई फसल के बारे में जिले के किसानों ने बताया कि कई गांवों में बीमा क्लेम आ चुका है, लेकिन खंड ओढ़ां के किसी भी किसान के खाते में अब तक राशि नहीं आई है। इससे उनके आर्थिक स्थिति में असुविधा हो रही है और उन्हें निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

धरना: किसानों की मांगें और आवश्यकताएँ

धरना पर जुटे किसानों ने अपनी मांगों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और सरकार से न्यायाधिकरण चाहते हैं।

आइए एक नजर डेटा में डालते हैं, जिससे हम इस मुद्दे को और समझ सकते हैं:

खरीफ 2022 की फसल बीमा क्लेम पर डेटा

गांव का नाम बीमा क्लेम प्राप्ति (रुपये)

गांव 1 5,00,000

गांव 2 3,00,000

गांव 3 2,00,000

गांव 4 0

गांव 5 0

यह डेटा स्पष्ट दिखाता है कि कई गांवों में बीमा क्लेम प्राप्त हो चुका है, जबकि कुछ गांवों में यह पूरी तरह से नहीं हुआ है। खंड ओढ़ां के किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और उन्हें न्याय मिलने की आशा है।

किसानों की आवश्यकताएँ और मांगें

किसानों ने अपनी मांगों का संकेत दिया है कि उन्हें न्यायाधिकरण से जल्दी से यह मुद्दा हल किया जाए और उनके खाते में बीमा क्लेम राशि जमा की जाए। वे इस समस्या के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाने की आग्रह कर रहे हैं।

रोडी थाना के गांवों का समर्थन

किसानों ने बताया कि वे डबवाली के बजाय सिरसा के साथ जुड़े जाने की मांग कर रहे हैं। इसका कारण है कि रोडी से डबवाली की दूरी करीब 65 किलोमीटर है, जबकि सिरसा की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। इससे उनके गांव के लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है और वे नशे पर रोक लगाने के लिए रोडी थाना के गांवों को सिरसा के साथ जोड़ने की मांग कर रहे हैं।

धरना एचडीएफसी बैंक के सामने

किसानों ने एचडीएफसी बैंक के सामने भी धरना लगाया है। इस मुद्दे के संदर्भ में, एक किसान हेम राज पुत्र किशोरी लाल की मृत्यु हो चुकी है और उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके चली गई है। किशोरी लाल ने बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लिया था, और उसकी मौत के बाद उनके बच्चों के पास कोई सहारा नहीं है। बैंक ने उनके खाते से किसान जीवन बीमा के 3 लाख 30 हजार रुपये और फसल बीमा के 1 लाख 20 हजार रुपये सहित 4 लाख 50 हजार रुपये काट लिए हैं। इसके परिणामस्वरूप, उनके बच्चों को अभी भी अपने जीवन की बुनाई के लिए पैसे की मांग करनी पड़ रही हैं। किसानों की मांग है कि मृत किसान के बैंक खाते को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।

निष्कर्षण

इस आलेख के माध्यम से हमने खरीफ 2022 की फसल बीमा क्लेम मुद्दे की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। किसानों का धरना और उनकी मांगों को समझते हुए, सरकार को इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। यह मुद्दा केवल एक क्षेत्रीय समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है, और हमें उनके साथ खड़ा होकर उनका समर्थन देना चाहिए।

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