पुराने तरीके छोड़िए, इस तरीके से करेंगे खेती, तो 99% नहीं रहेगी नुकसान की कोई गुंजाइश, सरकारी योजनाओं का भी खूब मिलेगा फायदा

इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम एक नया खेती का मॉडल है जिसमें एक ही जगह पर विभिन्न फार्मिंग गतिविधियों को समाहित किया जाता है.

पुराने तरीके छोड़िए, इस तरीके से करेंगे खेती, तो 99% नहीं रहेगी नुकसान की कोई गुंजाइश, सरकारी योजनाओं का भी खूब मिलेगा फायदा
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पुराने तरीके छोड़िए, इस तरीके से करेंगे खेती, तो 99% नहीं रहेगी नुकसान की कोई गुंजाइश, सरकारी योजनाओं का भी खूब मिलेगा फायदा

आजकल कृषि में नए तरीके और मॉडल्स की बढ़ती चर्चा में, इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम किसानों को खूब भा रहा है छोटे किसानों के लिए. इस प्रणाली में, एक ही खेत पर विभिन्न प्रकार की फार्मिंग की जा रही है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है.

इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्या है?





इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम एक नया खेती का मॉडल है जिसमें एक ही जगह पर विभिन्न फार्मिंग गतिविधियों को समाहित किया जाता है. यहां किसान एक स्थान पर अलग-अलग फसलें, पॉल्ट्री, और मछलीपालन करके अधिक आय कमा सकते हैं.

इसके फायदे

कम जमीन में ज्यादा फसलें: इंटीग्रेटेड फार्मिंग से किसान एक ही खेत में कई तरह की फसलें उगा सकते हैं, जिससे उनका मुनाफा दोगुना हो सकता है.

कम खर्च: एक स्थान पर होने के कारण, किसानों को अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे उनका खर्च कम होता है.

कम रिस्क: विभिन्न फार्मिंग की समाहित गतिविधियों के संबंध में नुकसान की आशंका कम होती है, जिससे किसान अधिक सुरक्षित महसूस करता है.

आत्म-निर्भरता: इंटीग्रेटेड फार्मिंग से किसान अपने निजी इस्तेमाल के लिए अनाज और सब्जियां उगा सकता है, जिससे उसकी आत्म-निर्भरता बढ़ती है.

सरकारी योजनाओं का लाभ: इंटीग्रेटेड फार्मिंग के जरिए किसानों को सरकारी योजनाओं का भी खूब लाभ मिलता है क्योंकि अगर किसान इस पद्धति को अपनाता है तो उसे पशुपालन व खेती अंतर्गत आने वाली सभी सरकारी योजनाओं का तुरंत लाभ मिलता है


उदाहरण के रूप में, 58 वर्षीय किसान सुरेंद्र प्रसाद मेहता ने गया शहर के चंदौती इलाके में तीन बीघा में इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बनाया है. उनकी सालाना कमाई लगभग 4 से 5 लाख रुपए तक हो रही है, और उन्हें मार्केटिंग के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है.


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