पत्रकारिता छोड़ रवि ने अपनाया खेती का रुख, जबरदस्त आमदनी के साथ खेती करने का ढंग देख कृषि मंत्री ने किया विजिट

पत्रकारिता छोड़ रवि ने अपनाया खेती का रुख, जबरदस्त आमदनी के साथ खेती करने का ढंग देख कृषि मंत्री ने किया विजिट
X

पत्रकारिता छोड़ रवि ने अपनाया खेती का रुख, जबरदस्त आमदनी के साथ खेती करने का ढंग देख कृषि मंत्री ने किया विजिट

खेत खजाना: नौकरी के पीछे भागते भागते जब अधिकांश लोग अपने सपनों की पूर्ति के लिए शहरों की ओर बढ़ रहे हैं, तो राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के देसली गांव के रहने वाले रवि बिश्नोई ने अपनी जिंदगी का एक नया मोड़ लिया। उन्होंने अपने 15 साल के न्यूज रिपोर्टिंग करने के करियर को छोड़कर राजस्थान के बीकानेर में किसानी करने का फैसला किया। 2020 में रवि बिश्नोई ने पत्रकारिता को छोड़कर किसानी करने का फैसला लिया।

रवि बिश्नोई ने 'खेत खजाना' से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उन्हें कोरोना काल में खुद का कोई काम शुरू करने का आइडिया आया। उन्होंने कहा कि जब कोरोना ने देश में दस्तक दी, तब वे जयपुर में काम कर रहे थे। कोरोना के दौरान ही उन्होंने जयपुर से बीकानेर जाने का फैसला किया और खेती-किसानी की ओर बढ़े। रवि बिश्नोई का पूरा परिवार खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है।

रवि कहते हैं कि कोरोना के दौरान वे अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ अपने खेत पर पहुंचे। कोरोना के डेढ़ साल के वक्त में रवि ने अपनी जमीन पर खेती-किसानी करना शुरू किया। जब वो परिवार के साथ खेत पर पहुंचे थे, तब पूरी जमीन ऐसे ही वीरान थी। लेकिन उसके बाद उन्होंने वहां खेती करना शुरू किया और पेड़-पौधे लगाए।

खेती की शुरुआत

खेत खजाना को रवि ने बताया कि उनके पास 20 बीघा जमीन थी, उसपर उन्होंने परिवार की मदद से चारों तरफ से तारबंदी की और धीरे-धीरे पेड़-पौधे लगाने शुरू किए। करीबन 6 महीने में रवि ने अपनी जमीन पर 1500 पेड़-पौधे लगाए। इसके बाद उन्होंने खेत की बाउंड्री बनवाकर वहां कमरा बनवाया और वहीं रहते हुए खेती करने लगे। रवि बताते हैं कि उन्होंने खुद को खेती करने का ज्यादा समय नहीं दिया, लेकिन वे हर छोटी-छोटी सी खेती के काम को जानने के लिए बहुत ही समर्थान किए।

रवि बिश्नोई का सपना है कि वे अपनी जमीन पर अनेक प्रकार के फल और सब्जियां उगाएं और उन्हें बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाएं। उनका यह उद्देश्य है कि वे खेती के माध्यम से अपने गांव के लोगों को रोज़गार प्रदान करें और उनके लिए एक नया सोता पैदा करें। रवि के अनुसार, खेती में सफलता पाने के लिए उत्साह, मेहनत, और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

रवि बिश्नोई की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने कार्य को चुनने का साहस रखना चाहिए, चाहे वो कुछ भी हो। वे ने पत्रकारिता से खेती की ओर मोड़ लिया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से सफलता पाई।

इस कहानी से यह भी प्रमाणित होता है कि साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रवि बिश्नोई ने पत्रकारिता करने के बाद भी खेती करने का फैसला लिया, और इसमें उनकी साक्षरता ने मदद की, क्योंकि खेती करने के लिए अकेले मानवीय और गणराज्यिक संसाधनों की समझ और प्रयोग करने की आवश्यकता होती है।

रवि बिश्नोई की यह कहानी हमें सपनों की पूर्ति के लिए संघर्ष करने का महत्व दिखाती है और हमें यह याद दिलाती है कि हमारी मेहनत और संघर्ष सफलता की कुंजी होते हैं। चाहे हम किसी भी क्षेत्र में हों, हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहना होता है और हालातों का सामना करने के लिए तैयार रहना होता है।

Tags:
Next Story
Share it