अनाज की आड़ में शराब तस्करों की हो रही डबल कमाई, जानीए किसानों की मेहनत का अनाज सड़ने और शराब के काले कारोबार का सच?

जिन गोदामों को किसानों और लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया ताकि वक्त पर अनाज उपल्बध करवाया जा सके वो काले कारोबारियों की कमाई का जरिया बन रहे हैं।

अनाज की आड़ में शराब तस्करों की हो रही डबल कमाई, जानीए किसानों की मेहनत का अनाज सड़ने और शराब के काले कारोबार का सच?
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अनाज की आड़ में शराब तस्करों की हो रही डबल कमाई, जानीए किसानों की मेहनत का अनाज सड़ने और शराब के काले कारोबार का सच?

आजकल अनाज स्टोर करने के लिए वेयरहाउस एक महत्वपूर्ण संरचना है, लेकिन आजकल इन गोदामों में एक नई समस्या उठ रही है। वे अब शराब के अड्डे बन रहे हैं, जिसके कारण अनाज रखने की सुरक्षितता पर सवाल उठ रहे हैं। शराब तस्करी के इस काले धंधे ने किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में, हम जानेंगे क्यों शराब की तस्करी अनाज के साथ हो रही है और इससे निपटने के लिए क्या समाधान हो सकते हैं।

किसानों की समस्या

किसान अपने मेहनत से पैदा किया हुआ अनाज को सुरक्षित रखने के लिए वेयरहाउस की तलाश में रहता है। इन गोदामों का उपयोग अनाज को समय-समय पर उपलब्ध कराने के लिए होता है, ताकि वे अपने उत्पादों को अच्छे दामों पर बेच सकें। लेकिन अनाज को सुरक्षित रखने के लिए इन वेयरहाउस में एक नई समस्या उठ रही है। खबरें आती हैं कि गोदाम में रखे गए अनाज खराब हो जाते हैं, कीड़ा लग जाता है या सड़ जाते हैं। इसका कारण बन रहे हैं वे शराब तस्कर जो इन गोदामों में अवैध रूप से अपने माल को छुपाकर रखते हैं।

शराब तस्करी का कारण

शराब तस्करी के पीछे कई कारण हैं। यह तस्करी काला धंधा उन लोगों द्वारा किया जाता है जो नशे की इच्छा को पूरा करने के लिए शराब की तलाश में होते हैं। इन तस्करों का लक्ष्य ज्यादातर विभाजन के इलाकों में शराब की बिक्री करना होता है, जहां शराब की सप्लाई नियमित रूप से रुकती है। इसलिए उन्हें इन गोदामों का उपयोग करने का विकल्प मिल जाता है।

शराब तस्करी के प्रभाव

शराब तस्करी का अनाज गोदाम में होने से अनाज की सुरक्षितता पर असर पड़ता है। शराब की बोतलें अनाज के नीचे छुपाई जाती हैं जिससे उन्हें पकड़ना या पहचानना मुश्किल हो जाता है। इससे अनाज में नुकसान होता है और उसके गुणवत्ता में कमी आती है। इससे किसान खुदरा कीमत में अपने उत्पादों को नहीं बेच पाते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। इसके अलावा, शराब तस्करी से सरकार को भी नुकसान होता है, क्योंकि वे शराब की विधि से कटा हुआ टैक्स खो देती है।


जिन गोदामों को किसानों और लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया ताकि वक्त पर अनाज उपल्बध करवाया जा सके वो काले कारोबारियों की कमाई का जरिया बन रहे हैं। एक के बाद कई वेयर हाउस में शराब की बरामदगी की खबरें सामने आई हैं।

वैशाली, बिहार

200 कार्टन विदेशी शराब और वो भी अनाज गोदाम के अंदर। बिहार में शराब बैन है। साल 2016 से ही यहां पर शराब की खरीद-फरोख्त गैरकानूनी है, लेकिन यहां धड़ल्ले से हो रही थी शराब की तस्करी। पुलिस को काफी समय से खबर मिल रही थी कि जंदाहा के आईएफसीआई अनाज के गोदाम का इस्तेमाल शराब तस्करी के लिए किया जा रहा है। पुलिस ने चुपचाप गोदाम में रेड मारी तो अंदर अनाज के साथ बड़ी संख्या में शराब भी मौजूद थी। 200 कार्टन विदेशी शराब इस गोदाम से जब्त की गई। इस शराब की कीमत करीब 20 लाख रुपये है। इस शराब को यहां पंजाब से लाया गया था और राज्य में बेची जानी थी।

गुरुग्राम, हरियाणा

दो दिन हरियाणा में भी अनाज की आड़ में शराब की तस्करी का मामला सामने आया है। यहां पर एक ट्रक में अनाज की बोरियां गोदाम तक ले जाई जा रही थी। पुलिस को खबर मिली की इस अनाज के साथ शराब की भी तस्करी हो रही है। तुरंत छापेमारी की गई तो 1055 पेटिया बरामद हुई। इस शराब को जौ की बोरियों के नीचे छुपाया गया था। पुलिस ने ट्रक के ड्राइवर और कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

लोहरदगा, झारखंड

यहां पर भी एक गोदाम में कुछ समय पहले छापेमारी हुई तो बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई। दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी एक सफेद गाड़ी में बड़ी मात्रा में शराब की सप्लाई हो रही है। पुलिस ने जाल बिछाया और गाड़ी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन शराब तस्कर पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गए। इसके बाद जांच की गई कि आखिर ये कार कहां से निकली थी। पता चला कि कार लोहरदगा जिले के तोड़ांग गोदाम से बाहर आती हुई नजर आई थी। पुलिस ने तुरंत इस गोदाम में छापा डाला तो वहां पर बड़ी मात्रा में शराब पाई गई। पुलिस इस गोदाम से 769 शराब की बोतल बरामद की जबकि कुछ शराब पहले ही गोदाम से बाहर जा चुकी थी।

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