किस्मत अपने आप नहीं बदलती, उसे बदलना पड़ता है: किसान शेर सिंह

किस्मत अपने आप नहीं बदलती, उसे बदलना पड़ता है: किसान शेर सिंह
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किस्मत अपने आप नहीं बदलती, उसे बदलना पड़ता है: किसान शेर सिंह

खेत खजाना: जिला कांगड़ा के किसानों ने प्रगतिशीलता की ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए नई तकनीकों का उपयोग करना शुरू किया है। शेर सिंह, जो बैजनाथ के सुकर्ण एवं डाकघर नोहरा के किसान हैं, ने हल्दी, लहसुन और कीवी की खेती के माध्यम से आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया है। इन्हें प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान अभियान के तहत विभिन्न कृषि योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जानकारी मिली थी और इसके बाद से ही उन्होंने आधुनिक कृषि की ओर सरकारी मार्गदर्शन के साथ बदलाव किया है। शेर सिंह के पास आठ कनाल भूमि है, जहां से वे अन्य किसानों के लिए प्रेरक बन रहे हैं।

शेर सिंह ने अपनी सिंचाई सुविधा में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था, विशेषतः गर्मियों में। लेकिन उन्हें एसडीएससीओ से मिलने का मौका मिला और उन्होंने अपनी समस्या को बताया। इसके बाद मृदा संरक्षण विभाग ने उन्हें सिंचाई योजनाओं के बारे में मार्गदर्शन दिया और वे सौर फोटोवोल्टिक जल पंपिंग प्रणाली का उपयोग करके सिंचाई का समाधान ढूंढ़ निकाले। अब उन्हें आसानी से खेतों की सिंचाई करने का अवसर मिलता है और उनकी खुदाई हुई सब्जियों को उच्च मूल्य पर बेचने का भी मौका मिल रहा है। शेर सिंह ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का उपयोग करके एकीकृत आधारित कृषि मॉडल को पूरा कर रहे हैं। उनके द्वारा उगाई गई विभिन्न मौसमी और गैर-मौसमी फसलें उन्नति कर रही हैं और इससे उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है।


शेर सिंह की उपयोगी किसानी का उदाहरण देखकर अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है। वे अपनी आए को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं और सरकारी योजनाओं के लाभों का भी सही ढंग से उपयोग कर रहे हैं। इससे यूपी के किसानों की आर्थिकी में सुधार हो रहा है और कृषि सेक्टर की तरक्की को गति मिल रही है। यह एक प्रगतिशील कृषि मॉडल की मिसाल है जो दूसरे किसानों के लिए भी अनुकरणीय है।

1 कनाल प्याज, लहसुन

1 कनाल कीवी फल पौधे

शेष भूमि अनाज और चारा फसलें

शेर सिंह के खेतों में सिंचाई प्रदान करने के लिए सौर फोटोवोल्टिक जल पंपिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है। उन्होंने अपनी खेती में विविधता लाने के लिए विभिन्न मौसमी और गैर-मौसमी फसलें भी उगाई हैं, जिससे उन्हें दोहरा लाभ हो रहा है। उनका उदाहरण यूपी के किसानों को समग्र विकास की ओर प्रेरित कर रहा है और इससे कृषि क्षेत्र में उन्नति हो रही है।

यूपी के किसानों के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें फसलों के नुकसान से बचाने के साथ-साथ उनकी खेती को सुधारने और उन्नति करने में मदद कर रहा है। इसके माध्यम से किसानों को सही गाइडेंस, बेहतर इनपुट और सरकारी योजनाओं का उपयोग करने का अवसर मिल रहा है। डिजिटलीकरण के माध्यम से, यूपी के किसान नए रास्ते खोल रहे हैं और कृषि क्षेत्र में तरक्की के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

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