मोबाइल वेटरनरी यूनिट; घर बुलाकर करा सकेंगे पशु का निशुल्क इलाज, 50 तरह की दवाइयां रहेंगी, जल्द जारी होगा टोल फ्री नंबर

सौगात केंद्र सरकार की योजना के तहत पहले चरण में जिले में 7 मोबाइल वेटरनरी यूनिट स्वीकृत, अभी 3 मिलीं

मोबाइल वेटरनरी यूनिट; घर बुलाकर करा सकेंगे पशु का निशुल्क इलाज, 50 तरह की दवाइयां रहेंगी, जल्द जारी होगा टोल फ्री नंबर
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पशुपालकों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें पशुओं के उपचार के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब वे एक कॉल करके घर बैठे अपने पशु का उपचार करवा सकेंगे। 108 एंबुलेंस की तर्ज पर हनुमानगढ़ सहित प्रदेश के 18 जिलों जलों में ऑन कॉल मोबाइल बैन सुविधा मिलेगी। इसके लिए टोल फ्री नंबर विभाग की ओर से जल्द जारी होगा। केंद्र सरकार ने पशुपालकों को घर बैठे सुविधा मिले इसके लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट की सुविधा प्रदान की है।

हनुमानगढ़ में 14 मोबाइल वैन की डिमांड की गई थी लेकिन यहां 11 एंबुलेंस की स्वीकृति मिली जिसमें प्रथम चरण में 7 मिलेंगी। इस तरह सातों ब्लॉक मुख्यालयों

पर एक-एक वैन उपलब्ध हो सकेगी। इसमें 3 वैन टाउन स्थित संयुक्त निदेशक पशुपालन कार्यालय में पहुंच चुकी हैं। वहीं, शेष 4 भी जल्द ही मिलने वाली हैं। बता दें कि मवेशी के बीमार होने पर कई बार पशुपालक समय पर चिकित्सालय नहीं पहुंच पाते हैं। गांव के लोगों के ज्यादा समस्या आती है। ऐसे में कई बार पशु की मौत हो जाती है। मोबाइल वेटरनरी यूनिट से पशुपालकों को घर पर ही उपचार की सुविधा मिलने से फायदा होगा। ट्रीटमेंट के बाद संबंधित पशुपालक के मोबाइल पर ओटीपी आएगा और वह मोबाइल यूनिट को बताने पर ही माना जाएगा कि टीम ने वहां पहुंचकर इलाज दिया है। ओटीपी नहीं बताने पर संबंधित की कॉल क्लॉज नहीं होगी।

वैन में चिकित्सक व कंपाउंडर प्रदेश में मोबाइल वेटनरी यूनिट के संचालन के लिए सरकार को निजी कंपनी से एमओयू हुआ है। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी यूनिट में फर्म की ओर से जयपुर से एक पशु चिकित्सक, एक सहायक और एक ड्राइवर तैनात रहेंगे। वैन में पशुपालकों को 50 तरह की दवाइयां मिलेगी। हर माह एक वैन में करीब ३५ हजार रुपए की दवाएं केंद्र सरकार ही देगी। पशुओं के गोबर, मूत्र व रक्त परीक्षण की सुविधा भी होगी। इसमें

डॉक्टर को प्रतिमाह करीब 56 हजार रुपए, कंपाउंडर को 20 हजार व 8 हजार इश्वर को वेतन मिलेगा जोकि केंद्र सरकार ही वहन करेगी। यूपी, तैलंगाना, मध्यप्रदेश और गुजरात आदि राज्यों में इसकी सफलता को देखते हुए यह सुविधा प्रदेश में दी गई है।

एक पशु चिकित्सक व 1 कंपाउंडर रहेंगे तैनात, डॉक्टर को मिलेगा 56 हजार रुपए वेतन

कॉल करते ही पहुंचेगी मोबाइल वैन, पीपीपी मोड पर संचालन, विभाग करेगा महज मॉनिटरिंग.. जिले में पशुओं की एक लाख जनसंख्या के अनुपात में मोबाइल वेटरनरी यूनिट को तैनात किया जाएगा। पशुपालकों को इसे 108 एंबुलेंस की तरह बुलाना पड़ेगा। इसके लिए टोल फ्री नंबर पर पशुपालक द्वारा कॉल करने पर वाहन शीघ्र आपके पास पहुंच जाएगा। मोबाइल वेटरनरी यूनिट के जरिए पशुओं का टीकाकरण, उनका गर्भाधान एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। ये मोबाइल वेटरनरी यूनिट हर ब्लॉक में पशुपालकों के यहां जाकर पशुओं का उपचार करेगी। इसके लिए मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष बनेगा।

• केंद्र सरकार द्वारा पशुपालकों को राहत देने के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट वाहन आवंटित किए हैं। जिले को प्रथम चरण में 7 मोबाइल यूनिट वाहन मिलेंगे। सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ऑनकॉल सुविधा रहेगी। संचालन को लेकर अभी गाइडलाइन नहीं आई है। विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर पर जारी किए जाएंगे। नए वर्ष से शुरू होने की उम्मीद है। -डॉ. शुचिस्मिता चटर्जी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग

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