40 हजार से अधिक किसानों ने पशु किसान क्रेडिट कार्ड से मुंह मोड़ लिया

पात्रता शर्तों में उलझे पशुपालक, 13,568 किसानों के आवेदन हुए रद्द

40 हजार से अधिक किसानों ने पशु किसान क्रेडिट कार्ड से मुंह मोड़ लिया
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हिसार। प्रदेश में चार साल पहले शुरू की गई पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ ज्यादातर पशुपालक नहीं उठा पा रहे हैं। दस्तावेज बनवाने में अधिक पैसे लगने और पात्रता शर्तों की वजह से 40,000 से अधिक किसानों ने क्रेडिट कार्ड से मुंह मोड़ लिया है। पशुओं का हेल्थ सर्टिफिकेट, बीमा, आवेदनकर्ता का सिविल समेत अन्य शर्तों की वजह से 13,568 किसानों के आवेदन रद्द हो गए हैं। वहीं 1030 आवेदन अब भी लंबित हैं। पशुपालन विभाग के आंकड़े यह भी बताते हैं कि प्रदेश में इस योजना के तहत क्रेडिट कार्ड के लिए 48678 पशुपालकों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं।

बता दें कि पशुपालन एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि व्यवसाय और पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से 06 दिसंबर 2019 को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था। यदि किसी किसान के पास गाय है तो उसे 40783 रुपये और भैंस है तो 60249 रुपये का ऋण बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है। 1,60000 रुपये तक यह ऋण बिना किसी गारंटी का है। इसमें ब्याज दर भी केसीसी के समान है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस साल 29 सितंबर तक इस योजना के तहत 63,699 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में जाँद के किसान प्रदेश में सचसे आगे हैं, जहां 10484 किसानों ने इसका लाभ उठाया है। सबसे कम फतेहाच्ाद में महज 280 पशुपालकों के ही किसान क्रेडिट कार्ड बने है। कृषि मंत्री जेपी दलाल का गृह जिला भिवानी इसका लाभ उठाने में प्रदेश में छठे नंचर पर है, जहां 2209 किसानों ने इसका लाभ लिया है जबकि 1763 आवेदन शतों की वजह से रद्द हो गए।

कार्ड से लोन देने में पब्लिक सेक्टर के बैंक आगे

इस साल जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने 34579 पशु किसान क्रेडिट कार्ड को रिन्यू कर 372 करोड़ का ऋण बांटा। वहीं प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने सिर्फ 669 किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए और 14 करोड़ का लोन दिया। हैरानी की बात यह कि ग्रामीण बैंकों ने इस अवधि में पशु क्रेडिट कार्ड योजना में कोई रुचि नहीं दिखाई है।

• यह आंकड़ा 2019 से लेकर 2023 तक का है, अभी तक कुल पशु किसान क्रेडिट कार्ड बने 1,10,000 कार्ड बने हैं। दस्तावेज बनवाने में अधिक पैसे लगने और पात्रता शतों की वजह से 40000 से अधिक किसानों ने क्रेडिट कार्ड से मुंह मोड़ लिया है।

• 2019 में प्रदेश सरकार ने देश में पहली बार यह योजना शुरू की थी और 2022 में पूरे प्रदेश में लागू हुई थी।

पीकेसीसी में एक किसान दो भैंस पर 120000 रुपये और एक गाय पर 40000 रुपये ऋण ले सकता है। 1,60000 रुपए तक यह ऋण बिना किसी गारंटी का है। इसमें ब्याज दर भी केसीसी के समान है।

कई चार किसानों का क्रेडिट स्कोर 16 नहीं होता। ऐसे में बैंक उनके

आवेदन को रिजेक्ट कर देते हैं। कई बार किसान दस्तावेज पूरे नहीं कर पाते। निजी बैंकों की ओर से पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे। डॉ. सुभाष जांगड़ा, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, हिसार मैंने सरकार की पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत नवंचर 2021 में आवेदन किया था। इस पर 15 से 20 दिन के अंतराल पर मेरा पीकेसीसी बन गया। दो भैंस व एक गाय पर 1,60,000 रुपए का क्रेडिट कार्ड बना। इस सुविधा से मुझे पशुपालन में काफी सहयोग मिला। सुशीला पत्नी जयबीर, विधनोई।

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