MSP : कर्ज के बोझ तले दबे किसान: समर्थन मूल्य की आस में ऋण वसूली का संकट, किसान झेल रहे है कटौती की मार

MSP : कर्ज के बोझ तले दबे किसान: समर्थन मूल्य की आस में ऋण वसूली का संकट, किसान झेल रहे है कटौती की मार
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MSP : कर्ज के बोझ तले दबे किसान: समर्थन मूल्य की आस में ऋण वसूली का संकट, किसान झेल रहे है कटौती की मार

खेत खजाना : विदिशा जिले में किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। 25 मार्च से शुरू होने वाली गेहूं की खरीदी से पहले ही किसानों के मोबाइल पर ऋण वसूली के संदेश आने लगे हैं। जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने का निर्णय लिया है, उन्हें अब अपनी ऋण राशि का 50 प्रतिशत तक कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

इस वर्ष, जिले में 93 हजार 927 किसानों ने उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया है, जिसमें 87 हजार 379 किसान गेहूं बेचने के लिए तैयार हैं। लेकिन ऋण वसूली के नए नियमों से किसानों में चिंता की लहर है।

जिला आपूर्ति अधिकारी रश्मी साहू के अनुसार, जिन किसानों का ऋण बकाया है, उन्हें समर्थन मूल्य पर उपज बेचने पर ऋण की राशि काटकर शेष राशि का भुगतान किया जाएगा। यह नियम उन किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है जिन्होंने केसीसी या खाद-बीज का भुगतान बकाया है।

जिले में इस वर्ष की खरीदी के लिए 215 केंद्रों की स्थापना की गई है, जहां सोसायटी और गोदाम स्तर पर व्यवस्था देखी जाएगी। किसान अपनी सुविधा के हिसाब से दिन और समय तय कर सकेंगे और मोबाइल से मैसेज भेजकर केंद्र पर पहुंचने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

इस साल का खरीदी टारगेट मात्र 10 हजार टन बढ़ाया गया है, जिससे जिले में कुल 7 लाख 25 हजार टन गेहूं की खरीदी की जाएगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा न के बराबर है, लेकिन इस वर्ष गेहूं की फसल अच्छी होने की संभावना से किसानों में एक उम्मीद की किरण भी है।

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