Mushroom: इस राज्य में महिलाओं ने किया कमाल, महिलाएं बनीं अपने क्षेत्र की हीरो, मशरूम की खेती 12 लाख की इनकम से दिखाई झलक

Mushroom: इस राज्य में महिलाओं ने किया कमाल, महिलाएं बनीं अपने क्षेत्र की हीरो, मशरूम की खेती 12 लाख की इनकम से दिखाई झलक
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Mushroom: इस राज्य में महिलाओं ने किया कमाल, महिलाएं बनीं अपने क्षेत्र की हीरो, मशरूम की खेती 12 लाख की इनकम से दिखाई झलक

खेत खजाना : आज की तारीख में, महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ ही समर्थ हैं और इसका अच्छा उदाहरण हिमाचल प्रदेश की महिलाओं द्वारा दिखाया जा रहा है। यहां के पहाड़ी क्षेत्र की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर मशरूम की खेती कर रही हैं, और साल में इससे 12 लाख रुपये की इनकम कमा रही हैं।

हिमाचल प्रदेश के वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना के तहत, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उन्हें अच्छी इनकम भी प्रदान कर रहा है। इस परियोजना के तहत 65 स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं मशरूम की खेती में जुटी हैं, जिनमें से एक साल में 12 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं।

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वन मंडलों में महिलाएं बनीं खुद के बॉस

हिमाचल प्रदेश के 18 वन मंडलों के 32 फॉरेस्ट रेंज में इस परियोजना के तहत महिलाएं मशरूम की खेती कर रही हैं। ये महिलाएं बटन मशरूम, शिटाके मशरूम, और ढींगरी मशरूम उगा रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी मुनाफा हो रही है। इस कदम से महिलाएं न केवल अपने परिवार का सामर्थ्य बढ़ा रही हैं, बल्कि उनके प्रयास से कई पुरुषों को भी रोजगार का अवसर मिल रहा है।

ट्रेनिंग के बाद महिलाएं बनीं मशरूम उगाने की माहिर

महिलाओं को मशरूम की खेती करने के लिए विशेषज्ञ ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे उन्हें इस काम में निपुणता मिलती है। शिमला जिले के कंडा गांव में ट्रेनिंग लेने के बाद, महिलाएं किराये पर कमर लेकर अपने घर के अंदर ही मशरूम की खेती शुरू कर रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वे धीरे-धीरे और अधिक एरिया में मशरूम की खेती करेंगी, ताकि अधिक से अधिक इनकम हो सके।

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8 लाख का बिक्री हुआ मशरूम

मंडी जिले के सुंदरनगर के वन मंडल सुकेत में भी 19 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं मशरूम की खेती कर रही हैं। एक साल में यहां की महिलाएं ने 8 लाख रुपये का मशरूम बेचा है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता की मिसाल मिल रही है। इनमें 59 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं, जिनमें से 45 महिला ग्रुप हैं, और 12 ग्रुपों में पुरुष भी मशरूम की खेती कर रहे हैं।

बनते हैं हिमाचल की महिलाएं नए मायने में

इस तरह, हिमाचल प्रदेश की महिलाएं न केवल अपने क्षेत्र में हीरो बन रही हैं, बल्कि उनकी मेहनत से समृद्धि का सफर भी शुरू हो रहा है। मशरूम की खेती ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और उन्हें समृद्धि की राहों पर आगे बढ़ने का एक नया माध्यम प्रदान किया है।

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