हरियाणा,राजस्थान,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की एक प्रमुख फसल है सरसों। इस फसल को इन कीटों से कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान

हरियाणा,राजस्थान,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की एक प्रमुख फसल है सरसों। इस फसल को इन कीटों से कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान
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भारत में रबी की बुआई हो चल रही है सरसो की बुआई पूर्ण हो चुकी है। और वर्तमान में भारत सरकार की तरफ से भी खाद्य आयल के आयात को कम करने के लिए तिलहन के उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। सरसो तिलहन में शामिल है और राजस्थान , हरियाणा, उत्तर प्रदेश , बिहार , मध्य प्रदेश सहित देश के अलग अलग राज्यों में सरसो की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। लेकिन बदलते प्राकृतिक वातावरण के चलते सरसो की फसल में कीटो का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। जिससे किसानो को नुकसान होने लगा है। उत्पादन कम होने लगा है। सरसो की फसल में महू किट लगता है जो उत्पादन को काफी प्रभावित करता है। आइये जानते है इसके बारे में

सरसो चेपा या माहु किट रोग

किसानो को सरसो में सबसे अधिक नुकसान इसकी किट के चलते होता है। ये किट सरसो उत्पादन को कम करता है साथ में ही सरसो के पौधे का रस चूस कर पौधे को कमजोर कर देती है। ये किट हरे रंग का होता है जो आसानी से पहचान में नहीं आता है। और एक बार सरसो में प्रकोप के बाद तेजी के साथ फैलता है। ये किट सरसो के पौधे , पत्तियों एवं तने से चिपक जाते है और पौधे का रस चूसते रहते है जिससे पौधा ख़राब होने लगता है। इस किट के चलते सरसो के उत्पादन में 25 से 40 प्रतिशत तक नुकसान होता है। ये किट रस चूसने के साथ ही एक पदार्थ भी छोड़ता है जिससे सरसो के पौधे में फफूंद लग जाती है और तना एवं ऊपरी भाग में प्रभाव काफी अधिक होता है

माहु से कैसे करे बचाव

किसानो यदि सरसो की बुआई अक्टूबर को 20 तारीख से पहले करते है तो इस किट के प्रकोप का असर कम होने की संभावना होती है। लेकिन फिर भी अगर माहु किट का प्रकोप हो चूका है तो फिर आपको इसके नियंत्रण के लिए स्टिकीट्रैप एक पतली चिपचिपी सीट का उपयोग करना होगा ये सीट बिना रसायनों के फसलों की सुरक्षा करती है। 10 से 15 स्टिकीट्रैप प्रति एकड़ के हिसाब से खेतों में लगाए जाते हैं. इसके साथ ही यदि कीटनाशक का स्प्रे करना है तो थायामिथोक्साम 25 डब्ल्यूजी का एक ग्राम प्रति 10 लीटर पानी की दर से के हिसाब से छिड़काव करें या डाइमिथोएट या 1 मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल में स्प्रे करें.इस तरह,माहू कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है.

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