धान की फसल को कीट, रोग से बचाने के प्राकृतिक तरीके,देखे यहां

इस पोस्ट में, हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार धान की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए प्राकृतिक उपायों का कैसे प्रयोग कर सकते हैं।

धान की फसल को कीट, रोग से बचाने के प्राकृतिक तरीके,देखे  यहां
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भारत में अधिकांश किसान खरीफ मौसम में प्रमुख रूप से धान की खेती करते हैं। इस बार लगातार वर्षा की बरसात के कारण खेतों में नमी होने के कारण धान की फसल को कीटों और रोगों का हमला हो सकता है। इस पोस्ट में, हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार धान की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए प्राकृतिक उपायों का कैसे प्रयोग कर सकते हैं।

1. पाटा चलाना

पाटा चलाने से धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट, राइज हिस्पा, पत्ती फुदका, आदि कीटों का प्राकृतिक तरीके से नियंत्रण किया जा सकता है।

पाटा चलाने से कीटों की प्रवृत्ति कम हो जाती है, जो धान की फसल को सुरक्षित रखता है।

धान की रोपाई के 15 से 20 दिन बाद पाटा चलाया जा सकता है और जरूरी होने पर दोबारा 30-35 दिन के बाद भी पाटा चलाया जा सकता है।

2. बेर की डंडी फिराना

बेर की डंडी को खेत में फिराकर, धान की फसल में पत्तियों में फंसे कीटों को नष्ट किया जा सकता है।

इस तरह की डंडी का इस्तेमाल धान की छोटी अवस्था में आसानी से किया जा सकता है और कीटों से छुटकारा पाया जा सकता है।

3. पानी की तेज फुहार

पानी की तेज फुहार का इस्तेमाल कीटों को कमजोर करने के लिए किया जा सकता है।

प्रारंभिक अवस्था में, धान पर पानी की तेज फुहार से कीटों को नष्ट किया जा सकता है, और इससे फसल की सुरक्षा मिलती है।

4. जैविक तकनीक का प्रयोग

धान की फसल में कीटों से बचाव के लिए जैविक तकनीक का प्रयोग करना फायदेमंद हो सकता है।

जैविक उत्पाद जैसे "धानजाइम गोल्ड" का इस्तेमाल करके कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है, जो धान की फसल को सुरक्षित रखता है।

किसानों को हमेशा अपने स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेनी चाहिए और फिर ही किसी भी प्रकार के जैविक या रायायनिक उपाय का उपयोग करना चाहिए।

इस तरह, धान की फसल को कीटों और रोगों से सुरक्षित रखने के लिए कुछ प्राकृतिक और जैविक तरीकों का प्रयोग करके किसान अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं। यह उपाय उन्हें कीटों और रोगों के हमले से बचाने में मदद कर सकते हैं और उनकी कमाई में वृद्धि कर सकते हैं। ध्यान दें कि हमेशा स्थानीय कृषि अधिकारियों से सलाह लें और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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