नेनुआ की खेती: बदल रही किसानों की किस्मत, 10 गुना मुनाफा कैसे कमाया जा रहा है

किसान उमाशंकर चौधरी बक्सर जिले के जगदेपुर गांव के प्रगतिशील किसान हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग 10 एकड़ में हर साल अलग-अलग प्रकार के सब्जियों की खेती करते हैं।

नेनुआ की खेती: बदल रही किसानों की किस्मत, 10 गुना मुनाफा कैसे कमाया जा रहा है
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बक्सर, बिहार: बिहार के बक्सर जिले के किसानों की खेती में एक नई कहानी लिख रही है। इस किसान ने नेनुआ की खेती से अपनी किस्मत को बदल दिखाया है, और वह बिना ज्यादा लागत के 10 गुना अधिक मुनाफा कैसे कमा रहा है, यह जानने के लिए हम इस लेख में दिलचस्प जानकारियाँ देंगे।

1. खेती का परिचय

किसान उमाशंकर चौधरी बक्सर जिले के जगदेपुर गांव के प्रगतिशील किसान हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग 10 एकड़ में हर साल अलग-अलग प्रकार के सब्जियों की खेती करते हैं। इस बार, उन्होंने एक बीघा में सेमनिस हाइब्रिड नेनुआ की खेती की है, जिसका लागत लगभग 10,000 रुपए आया है।

2. नेनुआ की विशेषताएँ

नेनुआ की खेती में उन्होंने बताया कि इस फसल की बड़ी मात्रा में पैदावार हो रही है, जिससे उन्हें बाजार में अच्छा मुनाफा मिल रहा है। इसके अलावा, इसकी खेती के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, जो एक बड़ी बचत है।

3. परंपरागत खेती से जैविक खेती की ओर

चौधरी किसान ने बताया कि पहले वे परंपरागत तरीके से खेती करते थे, लेकिन अब वे नए तकनीकों का इस्तेमाल कर जैविक खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें पूराने तरीके की तुलना में लागत से अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिल रहा है।

4. सेमनिस हाइब्रिड नेनुआ की खेती

चौधरी किसान ने बताया कि वे सेमनिस हाइब्रिड नेनुआ का बीज डुमरांव से खरीदते हैं और इस हाइब्रिड की खेती लगभग दो साल से कर रहे हैं। इसकी खास बात यह है कि इसके पौधों में 20 से 30 किलो तक फलन होता है, जो बाजार में बेहद मांग है।

5. लागत से पांच गुना मुनाफा

नेनुआ की बंपर पैदावार के कारण, चौधरी किसान ने बताया कि उनके पास अब लागत से पांच गुना अधिक मुनाफा हो चुका है। रोजाना खेत से एक से डेढ़ क्विंटल तक नेनुआ निकलता है, जिसे सुबह चार बजे तोड़ना होता है और फिर 6 बजे तक मंडी पहुंचाना होता है।

6. नेनुआ की बिक्री में उतार-चढ़ाव

चौधरी किसान ने बताया कि शुरू में जब नेनुआ का फलन हुआ तो उन्होंने बाजार में 22 रुपए प्रति किलो में बेचा, लेकिन अब इसका रेट थोड़े कम हो गया है। हालांकि, फलन शुरू होने के दस दिनों में ही उन्हें लागत पूरी तरह वापस मिल गई थी। अब उनकी बिक्री केवल मुनाफे में जा रही है, जो किसानों के लिए एक बड़ी जीत है।

7. खेतों की रखवाली

नेनुआ की खेती में जंगली जानवरों से खेत की रखवाली करनी होती है, जिसके लिए दिन-रात खेत पर पहरेदारी करनी पड़ती है। इसके बावजूद, चौधरी किसान ने यह काम मेहनत से और समर्पण से किया है और इससे उन्हें बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है।

संक्षेप

इसके अलावा, बक्सर जिले के किसान अब क्षेत्रीय और राष्ट्रीय बाजार में अच्छे रेट मिलने के कारण अपनी सब्जियों की बिक्री में अधिक रुचि ले रहे हैं, जिससे उन्हें नकदी फसलों की ओर अधिक रुझान हो रहा है।

इस तरह, बक्सर के किसान उमाशंकर चौधरी ने नेनुआ की खेती से अपनी किस्मत को बदल दिखाया है, और उन्होंने दिखाया कि जैविक खेती के द्वारा किसान अधिक मुनाफा कैसे कमा सकते हैं। यह किसानों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हो सकता है, और इससे कृषि सेक्टर में और भी उन्नति की ओर कदम बढ़ा सकता है।

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