नई सरसों किस्म: सिर्फ 94 दिनों में होगी तैयार, किसानों को मिलेगी बंपर पैदावार

सरसों की खेती का मौसम आगया है, और किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। इसमें बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए सही किस्म का चयन करना भी महत्वपूर्ण है

नई सरसों किस्म: सिर्फ 94 दिनों में होगी तैयार, किसानों को मिलेगी बंपर पैदावार
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सरसों की खेती का मौसम आगया है, और किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। इसमें बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए सही किस्म का चयन करना भी महत्वपूर्ण है। गुजरात स्थित आणंद कृषि विश्वविद्यालय ने हाल ही में एक नई सरसों किस्म विकसित की है, जो न केवल 94 दिनों में तैयार होती है, बल्कि बंपर पैदावार भी देती है। इससे किसानों को बड़ा लाभ हो सकता है, और यह किसानों के लिए एक सशक्त विकल्प साबित हो सकता है।

गुजरात सरसों-8 किस्म के फायदे

1. तेज पैदावार: गुजरात सरसों-8 किस्म केवल 94 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि सामान्यत: 125-130 दिन लगते हैं। इससे किसानों को तेजी से पैदावार मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

2. कम खर्च: इस किस्म की खेती में खर्च कम होता है क्योंकि यह जल्दी पकने वाली होती है और कीटों और रोगों के प्रति संवेदनशील होती है। इससे किसानों की लागतें कम होती हैं और पैदावार ज्यादा होती है।

3. उच्च तेल की मात्रा: गुजरात सरसों-8 में तेल की मात्रा औसतन 38.39% है, जो की औसतन 36.25% और 35.52% से अधिक है, जो जीएम-1 और पीएम-25 किस्मों में होती है।

4. आनंद हेमा (जीएम सरसों-8): यह किस्म गुजरात के मौसम और मिट्टी के लिए उपयुक्त है, और आनंद हेमा (जीएम सरसों-8) को आनंद हेमा भी कहा जाता है।

5. औसत उत्पादकता: गुजरात सरसों-8 की उत्पादकता 2791 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जो बहुत अधिक है जब इसे नामक दूसरी किस्मों से तुलना की जाती है, जो आमतौर पर 1524 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होती है।

गुजरात सरसों-8 किस्म का परिचय नई और उत्कृष्ट विकल्प के रूप में हो सकता है जो किसानों को बेहतर पैदावार और कम लागतों में सरसों की खेती करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, यह किसानों को अधिक तेल प्राप्त करने का मौका भी प्रदान कर सकता है और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुधार सकता है।


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