अब हरियाणा में इतनी आसानी से नहीं मिलेगी खाद, करना होगा पोर्टल पर पंजीकरण

अब हरियाणा में इतनी आसानी से नहीं मिलेगी खाद, करना होगा पोर्टल पर पंजीकरण
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अब हरियाणा में इतनी आसानी से नहीं मिलेगी खाद, करना होगा पोर्टल पर पंजीकरण

चंडीगढ़ा हरियाणा में अब फसलों के साथ-साथ खाद की मांग के लिए भी किसानों को मेरी मल-मेरा रा पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसकी शुरुआत यमुनानगर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगी। वहां सफल प्रयोग के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू 5 किया जाएगा।

इस बार धान सीजन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से 5 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद की मांग की है। हरियाणा में औसतन रवी और खरीफ के सीजन में 8 लाख मीट्रिक टन खाद की खपत होती है। पिछले कई सालों के आंकड़ों को समीक्षा की गई तो यमुनानगर में सबसेअधिक खाद की खपत मिली। विभाग को आशंका है कि यहां पर प्लाईवुड उद्योग अधिक है और किसानों के नाम पर खाद खरीदकर इसे उद्योगों में प्रयोग किया जाता है। इसलिए यमुनानगर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसानों को खाद लेने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। नई व्यवस्था की शुरूआत रखी फसल के सीजन में की जाएगी। किसानों से सीजन से पहले हो मांग ली जाएगी और उसी हिसाब से आपूर्ति की जाएगी।

स्टॉक में 4.31 लाख मीट्रिक टन खाद

हरियाणा में अब तक 4.10 लाख मेट्रिक टन खाद की हो चुकी है, जबकि विभाग के स्टॉफ में 4.31 लाख मीट्रिक टन खाद है। इसमें 3.20 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 1.11 लाख डीएपी खुद स्टॉक में है। इसके अलावा केंद्र सरकार को 1 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 50 हजार मीट्रिक टन दीप की अतिरिक्त मांग की गई है। समय-समय पर केंद्र की ओर से खाद की आपूर्ति की जाएगी।

हर साल होती है खाद के लिए मारामारी

हरियाणा में खाद के लिए हर साल मारामारी रहती है। पिछले साल सरसों और की बिजाई के समय पुलिस की निगरानी में खाद की बिक्री हुई थी। सुबह से शाम तक खरीद केंद्रों पर किसानों की लाइने खाद की कमी को लेकर भी लगातार सर पर अधिकारियों का कहना है कि यमुनानगर के अलावा प्रदेश की सीमा पर लगत यूषा, राजस्थान और पास के साथ लगते जिलों से खाद की तस्करी भी होती है और खाद दूसरे प्रदेशों में जाता है।

हरियाणा में खाद की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार से डेड लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त राज्य की मांग की गई है यूरिंगा का खेतों के अलावा उद्योगों में प्रयोग रोकने के लिए यमुनानगर में मनों को मेरी फसल मेरा परकरण करना होगा। पोर्टल पर भांग के अनुसार खाद मुहैया कराई जाए। प्रदेश की सीमाओं से लगते जिलों में भी खाद की तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी नरहरि सिंह बांग महानिदेशक, कृषि विभाग

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