अब पपीते की एक पेड़ पर लगेगा एक क्विंटल फल, ये वैरायटी बनाएगी किसानों को मालामाल, कानपुर में तैयार हो रहे ताइवान पपीता के पेड़
ताइवान में वेजिटेबल के लिए सबसे बड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल के रूप में इसका केंद्र है, जहां इन पेड़ों का अनुसंधान किया जाता है।
अब पपीते की एक पेड़ पर लगेगा एक क्विंटल फल, ये वैरायटी बनाएगी किसानों को मालामाल, कानपुर में तैयार हो रहे ताइवान पपीता के पेड़
कानपुर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हुआ ताइवानी पपीता के पेड़ों का प्रयोग खेती में एक नया मोड़ है। इसमें रेड लेडी और रेड बेबी प्रजातियाँ शामिल हैं, जो उच्च उत्पादन और स्वादिष्टता के लिए प्रसिद्ध हैं। ताइवान में वेजिटेबल के लिए सबसे बड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल के रूप में इसका केंद्र है, जहां इन पेड़ों का अनुसंधान किया जाता है।
ताइवानी पपीता का स्वाद
ताइवानी पपीता की खेती में एक पेड़ से लगभग एक क्विंटल तक के फल निकलते हैं, जो भारतीय पपीते से अधिक है। इसका फल बेहद स्वादिष्ट और लाभकारी है, जो किसानों को एक नए आय का स्रोत प्रदान कर सकता है।
नए मॉडल की खेती
कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने ताइवानी पपीता के पेड़ों को स्थापित करके नए मॉडल की खेती का आरंभ किया है। जब पेड़ों के प्रदर्शन से अच्छे परिणाम मिले, तो और भी किसानों को इन्हें लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
ताइवानी पपीता की विशेषताएं
विशेषता ताइवानी पपीता
उत्पादन एक पेड़ से एक क्विंटल तक
प्रजातियाँ रेड लेडी और रेड बेबी
खासियत स्वादिष्ट और लाभकारी
नये समय में नई आय का स्रोत
ताइवानी पपीता की खेती से किसानों को नया आय का स्रोत मिल रहा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल के प्रभारी डीपी सिंह ने बताया कि इसमें काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं और यह किसानों के लिए एक सशक्त विकल्प हो सकता है।