एक तरफ खेती और दूसरी केंचुआ खाद, इन दोनों बिजनेस को शुरू कर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा, होगी लाखों की कमाई, जानिए पूरा प्रोसेस

केंचुआ पालन के माध्यम से किसान न केवल अपनी खेती को उन्नत बना सकते हैं, बल्कि उन्हें अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी मिलता है

एक तरफ खेती और दूसरी केंचुआ खाद, इन दोनों बिजनेस को शुरू कर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा, होगी लाखों की कमाई, जानिए पूरा प्रोसेस
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एक तरफ खेती और दूसरी केंचुआ खाद, इन दोनों बिजनेस को शुरू कर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा, होगी लाखों की कमाई, जानिए पूरा प्रोसेस

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, किसानों को प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। इस अद्वितीय पहल के तहत, खेती के साथ-साथ केंचुआ पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

केंचुआ पालन के फायदे

केंचुआ पालन के माध्यम से किसान न केवल अपनी खेती को उन्नत बना सकते हैं, बल्कि उन्हें अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी मिलता है। इसके अलावा, यह प्रदूषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

केंचुआ के महत्वपूर्ण फायदे:

मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि: केंचुआ मिट्टी को उच्च गुणवत्ता वाली बनाता है और पौष्टिकता में वृद्धि करता है, जो उपजाऊता को बढ़ावा देता है।

जैविक खाद की उत्पादन में मदद: केंचुआ के माध्यम से तैयार किया जाने वाला 'वर्मी कम्पोस्ट' खाद में पोषण तत्वों की अधिक मात्रा होती है, जो उत्पादन में सुधार करते हैं।

प्रदूषण कमी: केंचुआ की मदद से अपशिष्ट को डिकंपोज करने से पर्यावरण पर बुरी प्रभाव कम होता है, जो प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।

केंचुआ पालन का व्यवसायिक महत्व

केंचुआ पालन न केवल किसानों को खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी का अवसर प्रदान करता है, केंचुओं से तैयार ‘वर्मीकम्पोस्ट’ को क्वालिटी के आधार पर बाजार में 10 रुपए से लेकर 20-25 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा सकता है। इतना ही नहीं इन केंचुओं को 500 से 550 रुपए प्रतिकिलोग्राम के भाव से किसानों को आसानी से बेचा जा सकता है। बल्कि यह व्यापारिक रूप में भी महत्वपूर्ण है। केंचुआ पालन के जरिये तैयार जैविक खाद को बाजार में बेचकर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।

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