31 दिसंबर तक करना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कीटनाशक दवा बेचने सुनहेरा मौका, युवाओं को मिलेगा जाएगा प्रशिक्षण

31 दिसंबर तक करना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कीटनाशक दवा बेचने सुनहेरा मौका, युवाओं को मिलेगा जाएगा प्रशिक्षण
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31 दिसंबर तक करना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कीटनाशक दवा बेचने सुनहेरा मौका, युवाओं को मिलेगा जाएगा प्रशिक्षण

खेत खजाना : देश में किसानों के द्वारा कई तरह की फसलें बोई जाती हैं, लेकिन इन फसलों को कीटों और व्याधियों से बचाना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इसके लिए अच्छे कीटनाशकों की आवश्यकता होती है जो किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

किसानों को इस क्षेत्र में सही जानकारी नहीं मिलने के कारण कई बार वे गलत दवाएं खरीद लेते हैं, जिससे उनकी फसलों को नुकसान होता है और उन्हें आर्थिक हानि होती है। इस समस्या का समाधान करते हुए अब खुदरा विक्रेताओं के लिए सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया जा रहा है।

48 सप्ताह का होगा सर्टिफिकेट कोर्स

भीलवाड़ा के संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) ने बताया कि हैदराबाद के मैनेज द्वारा संचालित देशी डिप्लोमा कोर्स खुदरा विक्रेताओं के लिए जिले में कृषि विभाग के माध्यम से संचालित किये जा रहे हैं। इसमें 48 सप्ताह का डिप्लोमा कोर्स नये एवं पुराने खुदरा विक्रेताओं को उर्वरकों एवं कीटनाशकों के विक्रय के लिए आवश्यक किया गया है।

31 दिसंबर तक करना होगा पंजीकरण

राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबन्ध संस्थान हैदराबाद के द्वारा सभी खुदरा विक्रेताओं/वितरको जिनके द्वारा भारत सरकार के गजट राजपत्र के अनुसार शैक्षणिक योग्यता नहीं है उन सभी खुदरा विक्रेताओं/वितरकों को अपना व्यवसाय जारी रखने के लिए पादप प्रबंधन पर 12 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स 31 दिसंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। यह कोर्स उन विक्रेताओं के लिए लागू होगा जिन्होंने कीटनाशक विक्रय का अनुज्ञापत्र प्राप्त करना चाहा है।

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

सर्टिफिकेट कोर्स से गुजरने के लिए करें रजिस्ट्रेशन 31 दिसंबर तक।

खुदरा विक्रेताओं को सही जानकारी और प्रशिक्षण का मौका।

डिप्लोमा कोर्स से होगा खुदरा विक्रेताओं का उत्कृष्ट स्तर पर प्रशिक्षण।

इस प्रशिक्षण से होगा किसानों को फायदा और उन्हें मिलेगा सही दवाओं का सही ज्ञान। इसके अलावा, सर्टिफिकेट कोर्स से उन्हें खुदरा विक्रेता के रूप में विशेषज्ञता मिलेगी, जिससे वे अपने क्षेत्र में और भी सक्षम बनेंगे।

इसके लिए इच्छुक विक्रेता अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और अवसर का लाभ उठाएं।

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