शहर की प्रापर्टी आइडी में त्रुटियों का अंबार, तीन दिनों में करीब 400 आइडी हो पाई सत्यापित 60 प्रतिशत लोग कर रहे सत्यापन में आनाकानी
नगर परिषद में कर्मचारी कम होने से बढ़ी परेशानी
प्रापर्टी धारकों की आइडी बनाने के लिए किए गए सर्वे का खामियाजा आज तक प्रापर्टी धारक व नगर परिषद भुगत रहा है। नगर परिषद की और से डोर टू डोर चलाए जा रहे प्रापर्टी आइडी स्वयं सत्यापित करवाने के अभियान के दौरान आइडी में भारी त्रुटियां सामने आ रही है।
आइडी में प्रापर्टी धारकों का नाम, नंबर, एरिया, टैक्स कम व अधिक, डेवलपमेंट चार्ज, गारबेज चार्ज सहित अन्य कई तरह की गलतियां मिल रही है। जिसके कारण आइडी का भी मौके पर स्वयं सत्यापन नहीं हो पा रहा है। नगर परिषद की आठ टीमें बीते चार दिनों से शहर में प्रापर्टी आइडी को स्वयं सत्यापित करवाने के लिए अभियान चलाए हुए है।
नगर परिषद की ओर से पहले दिन अलग- अलग वार्ड में कैंप लगाए गए। लेकिन प्रापर्टी धारक आइडी सत्यापन के लिए मौके पर नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब डोर टू डोर टीमें पहुंचकर प्रापर्टी आइडी सत्यापन करवा रहे है। 10 में से चार प्रापर्टी आइडी में त्रुटियां पाई जा रही है।
जिसके बाद कर्मचारी त्रुटियां दूर करवाने के लिए पोर्टल पर ही आनलाइन अप्लाई भी करवा रहे है। नगर परिषद की टीमें अब तक केवल 400 के करीब ही आइडी सत्यापित करवा पाई है जबकि 60 फीसदी लोग आइडी सत्यापन करवाने के लिए आनाकानी कर रहे है और कर्मचारियों को वापस लौटा रहे है। ऐसे में नगर परिषद की
ओर से चलाए जा रहे अभियान का भी शहर वासी लाभ नहीं उठा रहे। 96 हजार आइडी में से 11 हजार स्वयं सत्यापित नगर परिषद की ओर से शहरी क्षेत्र में 96 हजार प्रापर्टी धारकों की आइडी बनाई गई है।
करीब एक माह में अभी तक 11 हजार आइडी ही स्वर्य सत्यापित हो पाई है। जबकि नगर परिषद की और से 100 फीसदी आइडी को सत्यापित करवाने के लिए लक्ष्य तय किया गया है। जिसके कारण कर्मचारियों की परेशानी भी बढ़ी हुई है। नगर परिषद की प्रापर्टी टैक्स शाखा के सभी कर्मचारी आइडी स्वयं सत्यापित करवाने में लगे है। शहर में अभी 85 हजार प्रापर्टी आइडी स्वयं सत्यापित करवाने की प्रक्रिया शेष पड़ी है।