किसान को खरोंच-खरोंच कर खा रही गुलाबी सुंडी, फाल से लबालब फसल पर किसान ने चलाया ट्रैक्टर!

किसान को खरोंच-खरोंच कर खा रही गुलाबी सुंडी, फाल से लबालब फसल पर किसान ने चलाया ट्रैक्टर!
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किसान को खरोंच-खरोंच कर खा रही गुलाबी सुंडी, फाल से लबालब फसल पर किसान ने चलाया ट्रैक्टर!

खेत खजाना: हरियाणा,पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य कपास की खेती करने वाले राज्यों के किसान इन दिनों बहुत परेशान हैं। कपास की फसलों में गुलाबी सुंडी ने जमकर किसानों पर वार कर रखा। किसानों की कपास की फसल इस समय फाल से लबालब भरी हुई हैं। फाल देखकर किसानों की इस बार कुछ उम्मीदे जगी थी कि इस बार उत्पादन अच्छा होगा लेकिन किसानों की यह उम्मीदें धरी की धरी रह गई।

इस बार गुलाबी सुंडी का अटेक इतना अधिक है कि फसल में कोई भी हरा डिंटा तोड़ कर देख लीजिए उसमें गुलाबी सुंडी का भयंकर रूप से अटेक मिलेगा। किसानों का यह दौर बहुुत ही मुश्किल भरा व परेशानी में चल रहा है। किसानों का मानना है कि इस बार गुलाबी सुंडी अटेक फसल में नही अनदाता पर हैं। किसानों को गुलाबी सुंडी खरोंच-खरोंच कर खा रही हैं। किसानों ने बताया कि कपास की फसल को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार की कीटनाशक दवा का प्रयोग करके देख लिया लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

किसानों का कहना है कि कपास की फसल मंे प्रति एकड़ 20 से 25 हजार रूपये अब तक खर्च कर दिए है। फसल भी अच्छी है, फाल भी बहुत है लेकिन गुलाबी सुंडी का अटेक बहुत ज्यादा है। इस वजह से मजबूरन किसानों को फाल से लबालब भरी फसल पर टैªक्टर चलाना पड़ रहा है।



किसानों ने प्रशासन व सरकार से मांग करते हुए कहा है कि किसानों के पास कपास की खेती में बर्बादी के अलावा कुछ नहीं बचा है। किसान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। इसलिए सरकार व प्रशासन कपास की फसलों का जायजा लेकर किसानों को राहत के लिए मुआवजा दिया जाए।

कृषि विभाग की किसानों से अपील

इस दौरान विभाग के संयुक्त निदेशक ने किसानों से अपील की कि वे फसल पर लगे कपास के खराब फूलों को नष्ट कर दें, क्योंकि उनकी पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इन्हें नष्ट करके गुलाबी सुंडी ;इल्लीद्ध को कुछ हद तक समाप्त किया जा सकता है और आगे चलकर इसकी दूसरी पीढ़ी को भी नियंत्रित किया जा सकता है.

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