पायनियर सरसों: अगेती खेती सबसे अच्छी हाइब्रिड किस्में और उनकी खेती की जानकारी

पायनियर सरसों की हाइब्रिड किस्में पैदावार में उच्चतम स्तर की प्राप्ति करती हैं। यह किस्में उन किसानों के लिए अच्छी होती है जो अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

पायनियर सरसों: अगेती खेती सबसे अच्छी हाइब्रिड किस्में और उनकी खेती की जानकारी
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पायनियर सरसों: सबसे अच्छी हाइब्रिड किस्में

आजकल किसानों के लिए अधिक पैदावार और उच्च गुणवत्ता वाले फसलों की तलाश होती है, और सरसों इसमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पायनियर, एक प्रमुख बीज उत्पादक कंपनी, ने पायनियर सरसों बीज को प्रस्तुत किया है जो पैदावार में विशेष रूप से प्रभावी हैं।

पायनियर सरसों की खासियतें:

उच्च पैदावार: पायनियर सरसों की हाइब्रिड किस्में पैदावार में उच्चतम स्तर की प्राप्ति करती हैं। यह किस्में उन किसानों के लिए अच्छी होती है जो अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

अच्छी उत्पादकता: पायनियर सरसों की किस्में अच्छी उत्पादकता भी प्रदान करती हैं। यह किस्में फूलने और फलने की अवधि में विशेषज्ञता रखती है जिससे फसल की योग्यता में वृद्धि होती है।

पेशेवर खेती के लिए उपयुक्त: पायनियर सरसों की किस्में अपने उच्च पैदावार के साथ-साथ पेशेवर खेती की भी विशेषता रखती हैं। यह किस्में उपयुक्त बारिश और खाद की अवश्यकताओं के साथ में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं।

रोग प्रतिरोधकता: पायनियर सरसों की किस्में रोग प्रतिरोधकता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह किस्में कई खतरनाक कीटों और रोगों से फसल को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।

पायनियर सरसों की खेती कैसे करें:

पायनियर सरसों की खेती करने के लिए निम्नलिखित टिप्स ध्यान में रखें:

बीज का चयन: पायनियर सरसों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें। बीज की गुणवत्ता और प्रमाण को ध्यान में रखकर खरीदें।

बुआई का समय: सरसों की बुआई का समय अक्टूबर के महीने में बेहद उपयुक्त माना जाता है।

खेत की तैयारी: अच्छी खेती के लिए खेत को अच्छे से तैयार करें। खेत की धुलाई और खाद देने की सही विधि का पालन करें।

सिंचाई: सरसों की बुआई के बाद उन्हें नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है। फूलने और फलने की अवधि में अच्छी सिंचाई से पैदावार में वृद्धि होती है।

खाद: पायनियर सरसों की खेती में उच्च खाद का प्रयोग करना चाहिए। खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाशियम की सही मात्रा में देना चाहिए।

रोग और कीट प्रबंधन: पायनियर सरसों की खेती में रोगों और कीटों से बचाव के लिए नियमित प्रबंधन करें। समय-समय पर उपयुक्त रोगनाशक और कीटनाशक का प्रयोग करें।

उन्नत हाइब्रिड सरसों की किस्में और उनके विशेषताएँ

पायनियर सरसों बीज 45s35

  • बीज दर/एकड़: 1.300 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 5 फीट
  • फसल कटाई: 105 दिन में
  • उपज/एकड़: 10 से 12 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 40%

पायनियर सरसों बीज 45s42

  • बीज दर/एकड़: 1 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 160 से 180 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 125 से 130 दिन में
  • उपज/एकड़: 12 से 13 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 42%

45s46 पायनियर प्रोडक्शन

  • बीज दर/एकड़: 1.300 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 190 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 125 से 130 दिन में
  • उपज/एकड़: 12 से 13 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 42%

JULIE

  • बीज दर/एकड़: 1.5 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 180 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 130 से 135 दिन में
  • उपज/एकड़: 10 से 12 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 42%

श्रीराम 1666 सरसों का बीज

  • बीज दर/एकड़: 1.300 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 170 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 125 से 130 दिन में
  • उपज/एकड़: 12 से 13 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 40%

pa 5210 सरसों

  • बीज दर/एकड़: 1.5 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 180 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 130 से 135 दिन में
  • उपज/एकड़: 10 से 12 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 41%

5222 सरसों का बीज

  • बीज दर/एकड़: 1 किलोग्राम
  • पौधों की लम्बाई: 180 सेंटीमीटर
  • फसल कटाई: 125 से 130 दिन में
  • उपज/एकड़: 10 से 12 कुंतल
  • तेल की मात्रा: 42%

सरसों के फसल की देखभाल

  • सरसों से अधिक उपज लेने के लिए 25 किलो/एकड़ यूरिया का बुरकाव करना चाहिए.
  • फूल आने की अवस्था में सरसों की खड़ी फसल में सिंचाई अवश्य करें.
  • तना गलन रोग से सरसों की फसल को बचाने के लिए मंकोजेब 2 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें.
  • सरसों की फसल में माहू लगने पर इमिडाक्लोरोपिड 1ml/लीटर पानी घोल बनाकर छिडकाव करें.
  • फसल को खरपतवार से मुक्त रखें.
  • खरपतवारों के कारण सरसों की उपज में 50% प्रतिशत तक की कमी हो जाती है.
  • सरसों की फसल की बुआई बहुत घना न करें नहीं तो पौधे कमजोर हो जाते हैं.

सरसों में कितने पानी देना चाहिए

सरसों की फसल को बुआई से कटाई तक 2 सिंचाई की आवश्यकता होती है. सरसो में पहली पानी/भराई बुआई के 30 से 35 दिनों के बाद फूल आने की स्थिति में और दूसरी पानी भराई 75 से 80 दिन बाद जब पौधे में फलियाँ बनने लगे इस अवस्था में देनी चाहिए. घ्यान रहे अधिक सिंचाई करने से फसलें पीली पस्दने लगती है जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं. अतः सरसों में कितनी सिंचाई करनी चाहिए इसका ध्यान रखना चाहिए.

कटाई और गहाई

sarson ke paudhe की कटाई तब करनी चाहिए जब 75% फलियाँ सुनहरे रंग की हो जाए और सूखने की स्थिति में हों. और बहुत अधिक सूखने भी नहीं चाहिए, सरसो की कटाई हमेशा सुबह तेज धूप होने से पहले कर लेना चाहिए. अधिक घाम होने से सरसों के दाने खेत में ही झरने लगते हैं. कटाई करने के तुरंत बाद इनकी गहाई करके किसी सुरक्षित स्थान पर निकाल देने चाहिए अन्यथा धुप होने से दाने फूटकर गिरने लगते हैं.

सरसों की फसल में चेंपा और सफेद रतुवा के रोगों का प्रबंधन

चूर्णिल आसिता रोग, जिसे सफेद रतुवा भी कहा जाता है, फसल को प्रभावित करने में फफूंद के कारण होता है। इसके प्रकोप को रोकने के लिए निम्नलिखित उपायों का उपयोग किया जा सकता है:

डाईथेन M-45 का उपयोग: डाईथेन M-45 का 30 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोल बनाएं और फसल पर छिड़काव करें। यह रोग के प्रति प्रतिरोध बढ़ाने में मदद करेगा।

मिराडोर का उपयोग: मिराडोर को 15ml प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे भी सफेद रतुवा के प्रति पौधों की प्रतिरक्षा बढ़ सकती है।

चेंपा या माहू कीट का प्रबंधन

चेंपा या माहू कीट सरसों की फसल में बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं। इन कीटों के प्रकोप को रोकने के लिए निम्नलिखित उपायों का उपयोग किया जा सकता है:

इमिडाक्लोरोपिड का उपयोग: 1ml प्रति 15 लीटर पानी में इमिडाक्लोरोपिड का घोल बनाएं और फसल पर स्प्रे करें। यह कीटों के प्रति प्रतिरोध बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

रोगार (डाईमेथोएट) का उपयोग: 1.5ml प्रति 15 लीटर पानी में रोगार का घोल बनाएं और फसल पर प्रयोग करें। यह भी कीटों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

FAQ.

Q1. सरसों का वैज्ञानिक नाम?

ANS. ब्रेसिका कम्प्रेसटिस(Brassica juncea).

Q2. सबसे अच्छी सरसों का बीज कौन सा है?

ANS. 45s35 pioneer, pioneer 45s42, pioneer mustard seed 45s46, श्रीराम 1666 सरसों, सी.एस.-56, बायर सरसों 5222, स्टार 1015 सरसों का बीज आदि.

Q3. हाइब्रिड सरसों का बीज मूल्य?

ANS. 8,427.00 से 8,610.00 तक.

Q4. सरसों कितने दिन में तैयार हो जाती हैं ?

ANS. सरसों की फसल 120 से 150 दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं.

Q5. 15 किलो सरसों के तेल का दाम क्या है?

ANS. 15 किलो सरसों खाने का तेल का थोक मूल्य 2865-2870 रुपये/टिन है.

Q6. सरसों में दूसरा पानी कितने दिन बाद लगाना चाहिए

ANS. 75 से 80 दिन बाद जब पौधे में फलियाँ बनने लगे इस अवस्था में देनी चाहिए.

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