पीएम विश्वकर्मा योजना: सरकार द्वारा ब्याज पर सब्सिडी की घोषणा, इतने प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी

पीएम विश्वकर्मा योजना: सरकार द्वारा ब्याज पर सब्सिडी की घोषणा, इतने प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी
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पीएम विश्वकर्मा योजना: सरकार द्वारा ब्याज पर सब्सिडी की घोषणा, इतने प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी

खेत खजाना: नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 73वें जन्मदिन पर देश को एक बड़ी सौगात दी है। वह ने 'पीएम विश्वकर्मा योजना' की शुरुआत की है, जिसमें कारीगरों को ब्याज पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना के बारे में जानकारी दी है, और यह योजना कैसे कार्य करेगी, उसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।

पीएम विश्वकर्मा योजना: मुख्य बातें

सब्सिडी पर ब्याज: वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि 'पीएम विश्वकर्मा योजना' के तहत कारीगरों को दी जाने वाली लोन पर 8% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी उन कारीगरों के लिए है जो अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।

लोन की शर्तें: योजना के तहत, कारीगरों को 5% की बेहद सस्ती ब्याज दर पर कोलैटरल-फ्री लोन प्रदान किया जाएगा। इससे वे अपने व्यवसाय को विकसित करने में मदद कर सकेंगे।

लोन की राशि: सरकार इस योजना के तहत कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का लोन प्रदान करेगी। प्रारंभ में, एक लाख रुपये का लोन दिया जाएगा, और यह लोन 18 महीने तक रीपेमेंट के बाद बेनिफिशियरी के लिए अतिरिक्त 2 लाख रुपये का एलिजिबल होगा।

टूलकिट इंसेंटिव: इस योजना के तहत, बेनिफिशियरी को 15,000 रुपये का टूलकिट इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा।

स्किल ट्रेनिंग: प्रत्येक बेनिफिशियरी को 500 रुपये का डेली स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा, और वे 5 दिनों तक स्किल ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे।

डिजिटल ट्रांजैक्शन इंसेंटिव: महीने में 100 ट्रांजैक्शन तक करने पर प्रति ट्रांजैक्शन एक रुपये का इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा, जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं, और कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा होगा।

'पीएम विश्वकर्मा योजना' एक महत्वपूर्ण पहल है जो कारीगरों को उनके व्यवसाय में विकास करने के लिए सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत ब्याज पर सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान किए जा रहे हैं, जो कारीगरों को उनके व्यवसाय में मदद करेंगे। यह योजना वित्तीय सहायता के साथ-साथ स्किल ट्रेनिंग और टूलकिट इंसेंटिव के रूप में विकसित है, जिससे कारीगर अपने व्यवसाय को और अधिक मजबूत बना सकें। इस योजना से कारीगरों को व्यापारिक विकसन के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त होगा, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।

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