केंद्र सरकार को 2024 के लिए 25 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करने का प्रस्ताव भेजा

केंद्र सरकार को 2024 के लिए 25 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करने का प्रस्ताव भेजा
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार से वर्ष 2024 के लिए किसानों के हित में कदम उठाने की गुजारिश की है। इस प्रस्ताव के अनुसार, मुख्यमंत्री मान ने 25 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुझाव दिया है। इसके तहत, धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3284 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री मान ने अपने प्रस्ताव में और भी अनेक फसलों के लिए एमएसपी तय करने की मांग की है। इसमें मक्का के लिए 2975 रुपये प्रति क्विंटल, कपास के लिए 10767 रुपये प्रति गांठ, मूंग के लिए 11555 रुपये प्रति क्विंटल, अरहर के लिए 9450 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली के लिए 8610 रुपये प्रति क्विंटल शामिल हैं।

इसके साथ ही, गुरुवार को भेजे गए प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि गन्ने के मूल्य में 11 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इस फैसले को मंजूरी दी है और अब प्रदेश में गन्ने का मूल्य 391 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

भारत सरकार से भेजे गए ताजा प्रस्ताव में आगे बढ़ते हुए, मुख्यमंत्री ने अन्य फसलों के लिए भी एमएसपी की मांग की है। उनके अनुसार, उड़द के लिए 9385 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाएगी।

इस प्रस्ताव के माध्यम से, केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह आने वाले किसानी सीजन के लिए एमएसपी को अनुसरण करेगी और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य में बदलाव करेगी। इससे किसानों को सुरक्षित और न्यायसंगत मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

केंद्र सरकार वर्तमान में 24 फसलों पर एमएसपी घोषित करती है, जिसमें सात अनाज शामिल हैं जैसे कि धान, गेहूं, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का और रागी। साथ ही, पांच दालें भी शामिल हैं जैसे कि चना, अरहर, मूंग, उड़द और मसूर, आठ तिलहन जैसे कि मूंगफली, रेपसीड/सरसों, तोरिया, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम के बीज और नीगर के बीज के अलावा खोपरा, कच्चा कपास, कच्चा जूट और वर्जिनिया फ्लू तंबाकू भी शामिल हैं।

इस नए प्रस्ताव के साथ, किसानों को उचित मूल्य मिलने की संभावना है जो उनके जीवन को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है। यह पहल का एक हिस्सा हो सकता है जो भारतीय किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, किसानों को आत्मविश्वास और समर्थन का भाव मिलेगा जिससे वे अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।

सम्पूर्ण रूप से, यह प्रस्ताव किसानों की समृद्धि की दिशा में एक पॉजिटिव कदम है जो भारत की कृषि ऊर्जा को मजबूत करने में मदद कर सकता है। यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसानों को उचित मूल्य मिलता है और वे सही समय पर अच्छे तरीके से अपनी फसलें बेच सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

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